भारत और दक्षिण अमेरिकी देश पेरू के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए अगले दौर की बातचीत अप्रैल में शुरू होने की संभावना है। आधिकारिक बयान में गुरुवार को यह जानकारी दी गई। दोनों देशों के अधिकारियों ने 14 फरवरी को लीमा (पेरू की राजधानी) में छठे दौर की वार्ता संपन्न की। प्रस्तावित समझौते का मकसद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना है। आपको बता दें कि पेरू में लिथियम और कॉपर का बहुत बड़ा भंडार है। पेरू के साथ समझौता होने से भारत की लिथियम जरूरत को पूरा करना आसान हो जाएगा। आपको बता दें कि लिथियम का सबसे अधिक उपयोग इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए बनने वाली बैटरी में होता है। अभी लिथियम के लिए भारत की निर्भरता पूरी तरह से चीन पर है।
दोनों देशों में बढ़ेगा बिजनेस
ऐसे समझौतों में दो व्यापारिक भागीदार सेवाओं में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए नॉर्म को आसान बनाने के अलावा, उनके बीच व्यापार की जाने वाली अधिकतम संख्या में वस्तुओं पर सीमा शुल्क को या तो काफी कम कर देते हैं या समाप्त कर देते हैं। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, ‘व्यापार समझौते के लिए भारत-पेरू वार्ता का छठा दौर 12 से 14 फरवरी 2024 तक पेरू की राजधानी लीमा में हुई ताकि 2017 में शुरू की गई वार्ता पर प्रगति जारी रहे। 2017 में वार्ता प्रक्रिया की औपचारिक घोषणा की गई थी।’ इस दौर में वस्तुओं के व्यापार, उत्पत्ति के नियम, सेवाओं में व्यापार, सीमा शुल्क प्रक्रियाओं और व्यापार सुविधा तथा विवाद निपटान आदि पर नौ कार्य समूहों व्यक्तिगत बैठकें करेंगे।
समझौते के लिए बातचीत 2017 में शुरू हुई थी
मंत्रालय ने कहा, ‘इसके अतिरिक्त इस सप्ताह तथा अगले सप्ताह में अन्य कार्य समूह व्यापार में प्रौद्योगिकी बाधाएं, सहयोग आदि पर ऑनलाइन बैठकें करना जारी रखेंगे। अगले दौर की वार्ता अप्रैल 2024 में होने की उम्मीद है।’ समझौते के लिए बातचीत 2017 में शुरू हुई थी। कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण उन्हें रोक दिया गया था और बाद में अक्टूबर 2023 में वार्ता को ऑनलाइन प्रारूप में फिर से शुरू किया गया। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत और पेरू के बीच द्विपक्षीय व्यापार 3.12 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। भारत ने पेरू को 865.91 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य का सामान निर्यात किया और वहां से 2.25 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य का सामान आयात किया।
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