बीते सप्ताह पड़ोसी देश चीन ने अपनी सुस्त इकोनॉमी में नई जान फूंकने के लिए जो विशेष प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान किया है, यह आने वाले दिनों में भारत सहित दुनिया के मार्केट पर अपना प्रभाव दिखाएगा, यह एक बड़ा और गंभीर सवाल है। चीनी सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों में कटौती की और रिजर्व जरूरतों में कटौती करके बैंकिंग सिस्टम में 143 अरब डॉलर की पूंजी देने का ऐलान किया। सेंट्रल बैंक ने सूचीबद्ध फर्मों के लिए अपने शेयर वापस खरीदना भी आसान बना दिया। इसके अलावा, प्रतिभूति फर्मों, बीमा कंपनियों और संस्थागत निवेशकों को आसानी से धन उधार लेने की अनुमति दी।
कितना बड़ा है पैकेज
चीनी सेंट्रल बैंक की तरफ से दिया गया यह पैकेज पिछले कई तिमाही के मुकाबले बहुत बड़ा है। चीन ने 24 सितंबर को रिजर्व जरूरतों में कटौती करके बैंकिंग सिस्टम में 143 अरब डॉलर की पूंजी बैंकों को दिए। स्टॉक मार्केट में नई जान फूंकने के लिए चीनी सेंट्रल बैंक ने लिस्टेड फर्म के लिए राह आसान करते हुए सिक्योरिटीज फर्म, बीमा कंपनियों और संस्थागत निवशकों के लिए शेयर बायबैक करना आसान बना दिया। इससे संस्थागत निवशकों के लिए कर्ज लेना आसान हो जाएगा।
ग्लोबल ग्रोथ के लिए क्या हैं इसके मायने
लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, आईएमएफ के मुताबिक, चीन और भारत ग्लोबल ग्रोथ में अपने पिछले 34 प्रतिशत के मुकाबले आज 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखते हैं। चीन की इकोनॉमी में मजबूती ग्लोबल ग्रोथ के लिए अहम होगा। विश्व बैंक का मानना है कि साल 2024 में इकोनॉमिक ग्रोथ रेट 2.6 प्रतिशत रहेगा और साल 2025 में यह 2.7 प्रतिशत रह सकता है। साल 2023 में यह 2.7 प्रतिशत रहा था। विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों ने महंगाई में राहत के बाद ब्याज दरों में कटौती करनी शुरू कर दी है। अगर सबकुछ सही रहा तो ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ पॉजिटिव दिशा में अग्रसर होगा।
क्या चीन के पैकेज का असर भारत पर दिखेगा
चीन के केंद्रीय बैंक की तरफ से ऐलान किए गए प्रोत्साहन पैकेज के ऐलान का असर यह हुआ कि वहां के शेयर मार्केट उछल गए। अगर यह प्रयास काम कर जाता है और मार्केट में तेजी बनी रहेगी तो जानकारों का कहना है कि तब विदेशी संस्थागत निवेशक भारत की बजाय अपने फंड को चीन के बाजार में लेकर जा सकते हैं। चीन की इकोनॉमी में तेजी आती है तो यह कमोडिटी प्राइस को कम कर सकती है जो भारत के मुकाबले कम हो सकती है। इसके साथ ही चीन का भारत से मेटल और दूसरे कमोडिटी का आयात बढ़ जाएगा।
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