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Hindi News पैसा बिज़नेस मोदी सरकार का पेट्रोल सस्ता करने का नया प्लान, इथेनॉल पर GST रेट 18 से घटाकर 5 प्रतिशत किया

मोदी सरकार का पेट्रोल सस्ता करने का नया प्लान, इथेनॉल पर GST रेट 18 से घटाकर 5 प्रतिशत किया

मोदी सरकार ने इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) प्रोग्राम के तहत ब्लेंडिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इथेनॉल के लिए जीएसटी की दर को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। बता दें कि, ईबीपी प्रोग्राम के तहत पेट्रोल में इथेनॉल को मिलाया जाता है। 

पेट्रोल होगा सस्ता! मोदी सरकार ने इथेनॉल पर GST रेट को घटाया, 18 से 5 प्रतिशत हुई नई दर- India TV Paisa Image Source : PTI FILE PHOTO पेट्रोल होगा सस्ता! मोदी सरकार ने इथेनॉल पर GST रेट को घटाया, 18 से 5 प्रतिशत हुई नई दर

Highlights

  • मोदी सरकार ने पेट्रोल में मिलाने वाले इथेनॉल के लिए GST रेट घटाया
  • इथेनॉल पर जीएसटी दर को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया गया
  • पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने की वजह से आयात में कटौती होने की उम्मीद है

नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार पेट्रोल के दामों को कम करने के लिए लगातार काम कर रही है। इस बीच गुरुवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। मोदी सरकार ने इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) प्रोग्राम के तहत ब्लेंडिंग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इथेनॉल के लिए जीएसटी की दर को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। बता दें कि, ईबीपी प्रोग्राम के तहत पेट्रोल में इथेनॉल को मिलाया जाता है। 

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने गुरुवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि इथेनॉल मिश्रण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) की दर को 5 प्रतिशत कर दिया है। इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत इथेनॉल को 18 प्रतिशत से घटकार 5 प्रतिशत किया गया है। दरअसल, देश में बढ़ते पेट्रोल के दामों के बीच केंद्र सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है। इसके बाद अब इथेनॉल पर सिर्फ 5 फीसदी जीएसटी लगेगी। साल 2018 में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की तरफ से इथेनॉल की खरीद में भी इजाफा हुआ है।

गन्ने पर आधारित फीडस्टॉक्स जैसे सी एंड बी भारी गुड़ (molasses), गन्ने का रस, चीनी, चीनी सिरप से उत्पादित इथेनॉल का खरीद मूल्य सरकार द्वारा और खाद्यान्न आधारित फीडस्टॉक्स से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियों द्वारा वार्षिक आधार पर तय किया जाता है। इसके साथ अनाज पर आधारित फीडस्टॉक से उत्पादित इथेनॉल की खरीदारी कीमत को सार्वजनिक क्षेत्र की मार्केटिंग कंपनियां सालाना आधार पर तय करती हैं। देश में चीनी उत्पादन को सीमित करने और इथेनॉल के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए, सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिसमें इथेनॉल उत्पादन के लिए बी भारी शीरा, गन्ने का रस, चीनी और चीनी की चाशनी को बदलने की अनुमति देना शामिल है। 

बता दें कि, सरकार ने 2014 से इथेनॉल के प्रभावी मूल्य को अधिसूचित किया है। 2018 के दौरान पहली बार, सरकार द्वारा इथेनॉल उत्पादन के लिए उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल के आधार पर इथेनॉल के अंतर मूल्य की घोषणा की गई थी। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों द्वारा इथेनॉल की खरीद भी बढ़ी है। इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2013-14 में 38 करोड़ लीटर से मौजूदा ईएसवाई वर्ष 2020-21 में बढ़कर 350 करोड़ लीटर से अधिक हो गई है। इथेनॉल की सप्लाई पर उठाए गए कदमों की वजह से सरकार ने देश में पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को 2030 से 2025-26 कर दिया है। सरकार ने सेकेंड जनरेशन (2G) इथेनॉल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री जीवन योजना को भी नोटिफाई किया था, इसके लिए सरकार ने देश में वित्तीय समर्थन उपलब्ध कराया था।

इथेनॉल मिलाने का फायदा: पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने की वजह से आयात में कटौती होने की उम्मीद है। आपको बता दें कि भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है, जो अपनी 85 प्रतिशत से अधिक मांग को पूरा करने के लिए विदेशों से आयात पर निर्भर है। इससे प्रदूषण भी कम होता है और किसानों को अलग आमदनी कमाने का एक जरिया भी मिलता है।

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