गेहूं बेचकर किसानों को हुई 47,000 करोड़ रुपये की कमाई, MSP पर अबतक 262 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद
लगभग 47,000 करोड़ रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य के भुगतान किये जाने के साथ लगभग 21.27 लाख किसान गेहूं खरीद के काम से लाभान्वित हो चुके हैं।
केंद्र ने इस साल अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 262 लाख टन गेहूं की खरीद की है और किसानों को करीब 47,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘चालू रबी विपणन सत्र (आरएमएस) 2023-24 के दौरान गेहूं की खरीद सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है। चालू सत्र में 30 मई तक गेहूं की बढ़ रही खरीद 262 लाख टन है, जो पिछले साल की कुल 188 लाख टन की खरीद से 74 लाख टन अधिक है।’’
21.27 लाख किसानों को हुआ फायदा
लगभग 47,000 करोड़ रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य के भुगतान किये जाने के साथ लगभग 21.27 लाख किसान गेहूं खरीद के काम से लाभान्वित हो चुके हैं। रबी विपणन सत्र अप्रैल से मार्च तक चलता है। हालांकि, गेहूं की अधिकतम थोक खरीद अप्रैल से जून के बीच की जाती है। गेहूं एक प्रमुख रबी (सर्दियों में बोई जाने वाली) फसल है। खरीद में प्रमुख योगदान तीन राज्यों पंजाब, मध्य प्रदेश और हरियाणा का है। इन राज्यों से क्रमशः 121.27 लाख टन, 70.98 लाख टन और 63.17 लाख टन की खरीद की गई है। मंत्रालय ने खरीद में वृद्धि का श्रेय बेमौसम बारिश के कारण प्रभावित गेहूं की गुणवत्ता विनिर्देशों में छूट, ग्राम/पंचायत स्तर पर खरीद केंद्रों के खुलने, सहकारी समितियों/ग्राम पंचायतों/आढ़तियों आदि के माध्यम से खरीद के अलावा नामित खरीद केन्द्रों के जरिये की गई खरीद को दिया है।
385 लाख टन खरीफ चावल की खरीद
चावल की खरीद के बारे में कहा गया है, ‘‘खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2022-23 के दौरान 30 मई तक 385 लाख टन खरीफ चावल की खरीद की जा चुकी है और 110 लाख टन चावल की खरीद की जानी बाकी है। इसके अलावा खरीफ विपणन सत्र 2022-23 के दौरान रबी फसल में 106 लाख टन रबी चावल की खरीद का अनुमान लगाया गया है।’’ खरीफ विपणन सत्र अक्टूबर से सितंबर माह तक चलता है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘केंद्रीय पूल में गेहूं और चावल का संयुक्त भंडार 579 लाख टन (गेहूं 312 लाख टन और चावल 267 लाख टन) से अधिक है। इस भंडार ने देश को खाद्यान्न की अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक संतोषजनक स्थिति में रखा है।’’