केंद्र सरकार ने कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स में भारी कटौती करते हुए इसे 3,250 रुपये प्रति टन कर दिया है। पिछले पखवाड़े यह 5,200 रुपये प्रति टन था। विंडफॉल टैक्स कम होने का सीधा फायदा घरेलू स्तर पर कच्चा तेल उत्पादन करने वाली कंपनियों जैसे ओएनजीसी और ऑयल इंडिया को मिलता है। सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, कर की नई दर 15 जून से प्रभावी हो गई है। डीजल, पेट्रोल और विमान ईंधन (एटीएफ) पर विंडफॉल टैक्स को शून्य बरकरार रखा गया है।
15 दिन में टैक्स की होती है समीक्षा
सरकार द्वारा हर 15 दिन में विंडफॉल टैक्स की समीक्षा की जाती है। हाल के महीनों में कई बार कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स कम किया जा चुका है। एक जून को इसे 5,700 रुपये प्रति टन से घटाकर 5,200 रुपये प्रति टन किया गया था। वहीं, 16 मई को सरकार ने कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 8,400 रुपये से घटाकर 5,700 रुपये प्रति टन कर दिया था। इससे पहले 1 मई को इसे 9,600 रुपये से घटाकर 8,400 रुपये प्रति टन किया गया था।
विंडफॉल टैक्स 2022 से शुरू हुआ था
कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स कम करने का सीधा फायदा घरेलू स्तर पर पेट्रोलियम उत्पादक कंपनियों जैसे ओएनजीसी और ऑयल इंडिया को मिलता है। कच्चे तेल की कीमत बढ़ने के कारण कंपनियों को हो रहे अप्रत्याशित लाभ पर विंडफॉल टैक्स लगाया जाता है। इसे जुलाई 2022 से शुरू किया गया था।
इनपुट: आईएएनएस
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