कोलकाता। महंगाई की मार अब घर की दीवारों पर भी पड़ने वाली है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने गुरुवार को कहा कि सीमेंट की खुदरा कीमतों में अगले कुछ महीनों में फिर से 15-20 रुपये की और बढ़ोतरी होने की संभावना है। एजेंसी के मुताबिक यह इस वित्त वर्ष में लगभग 400 रुपये प्रति बोरी के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू सकती है।
कीमतों में वृद्धि का कारण कच्चे माल की लागत के दबाव को बताया गया है। बढ़ती मांग के चलते कोयला और डीजल की कीमतों में इजाफा हो रहा है। आयातित कोयले की कीमतों में हालिया तेजी (पहली छमाही में सालाना 120 फीसदी से ज्यादा) और पेटकोक (80 फीसदी ऊपर) से बिजली और ईंधन की लागत 350-400 रुपये प्रति टन (लगभग 40 फीसदी तक) बढ़ने की संभावना है।
11 से 13 प्रतिशत बढ़ेगी सीमेंट की बिक्री
सीमेंट की बिक्री चालू वित्त वर्ष में 11-13 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। सीमेंट की मात्रा में वृद्धि COVID-19 के प्रभाव के रूप में बुनियादी ढांचे, आवास और औद्योगिक क्षेत्रों में मांग पुनरुद्धार द्वारा संचालित होगी। इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में सीमेंट की मांग में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि आई है। क्षेत्रीय स्तर पर, दक्षिण भारत में पिछले महीने की तुलना में अक्टूबर में सबसे अधिक 54 रुपये प्रति बैग की बढ़ोतरी हुई, इसके बाद मध्य क्षेत्र में 20 रुपये प्रति बैग की बढ़ोतरी हुई। उत्तर में अच्छी मांग के कारण 12 रुपये की बढ़ोतरी देखी गई, जबकि पश्चिम में कीमत में 10 रुपये प्रति बैग की वृद्धि हुई। पूर्व में 5 रुपये प्रति बैग की मामूली वृद्धि देखी गई।
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