दुनिया की सबसे बड़ी ईकॉमर्स कंपनी अमेजन Amazon को आज डबल झटका लगा है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने फ्यूचर कूपन्स में अमेजन के निवेश की अनुमति देने की मंजूरी को रद्द कर दिया है। इसी के साथ ही सीसीआई ने अमेजन पर 200 करोड़ रुपये का भारी भरकम जुर्माना भी लगा दिया है। बता दें कि अमेजन के निवेश को रद्द करने के लिए ही फ्यूचर कूपन्स की तरफ से सीसीआई में अपील की गई थी।
सीसीआई ने अपने आदेश में कहा है कि अब यह जरूरी है कि डील का फिर से आकलन किया जाए। सीसीआई ने 57 पन्नों का आदेश जारी करते हुए अमेजन पर यह आरोप भी लगाया कि उसने गलत और झूठे स्टेटमेंट दिए हैं। इससे पहले 16 नवंबर को दिल्ली हाई कोर्ट ने सीसीआई को निर्देश दिए थे कि वह अमेजन फ्यूचर कूपन्स डील मामले में अमेरिकी कंपनी को मिली मंजूरी को रद्द करे।
सीसीआई को मिला था 2 हफ्ते का वक्त
सीसीआई को ऐसा करने के लिए दो हफ्तों का समय दिया गया था। इससे पहले कैट (CAIT) ने भी सीसीआई के खिलाफ एक पीआईएल दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि उसने अमेजन को जून में ही कारण बताओ नोटिस जारी किया था, लेकिन उस पर अब तक कोई फैसला नहीं दिया है।
2019 का है मामला
फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के स्वतंत्र निदेशकों ने हाल ही में सीसीआई के पास याचिका दायर की थी। इसके तहत अमेजन की तरफ से 2019 में फ्यूचर कूपन्स में निवेश के लिए दी गई मंजूरी को रद्द करने की गुहार लगाई गई थी। उन्होंने अमेजन पर आरोप लगाया था कि सीसीआई से अनुमोदन प्राप्त करते समय उसने गलत जानकारी दी थी।
जानते हैं क्या है झगड़े की जड़
इस विवाद में अमेजन और फ्यूचर के साथ ही रिलायंस भी एक प्रमुख खिलाड़ी है। ये विवाद तब से पैदा हुआ है, जब से फ्यूचर ग्रुप ने करीब 24 हजार करोड़ रुपये में अपना खुदरा, भंडारण और लॉजिस्टिक्स कारोबार रिलायंस इंडस्ट्री को बेचने की डील की। इस सौदे पर आपत्ति जताते हुए अमेजन ने दावा किया कि उसने फ्यूचर रिटेल की प्रवर्तक कंपनी फ्यूचर कूपन्स प्राइवेट लिमिटेड यानी एफसीपीएल में पिछले साल अगस्त में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। ऐसे में रिलायंस से सौदा करने से पहले फ्यूचर समूह अमेजन से अनुमति ली जानी थी।
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