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Carbon Market: गुजरात बनेगा कार्बन मार्केट स्थापित करने वाला देश का पहला राज्य, पीएम मोदी के नेट जीरो इमिशन्स मिशन की ओर बड़ा कदम

गुजरात सरकार ने कार्बन मार्केट शुरू करने की पहल के रूप में MOU किया है। इसके परिणामस्वरूप, गुजरात CO2 बाजार के क्षेत्र में देश के लिए एक प्रमुख उदाहरण बनेगा।

<p>Gujarat signs MoU to set up a carbon market</p>- India TV Paisa Gujarat signs MoU to set up a carbon market

दुनिया इस समय जलवायु परिवर्तन की गंभीर समस्या से जूझ रही है। बढ़ता प्रदूषण आज वैश्विक समस्या है। इस दिशा में गंभीर प्रयास करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2070 तक भारत को नेट जीरो इमिशन्स (शून्य उत्सर्जन) तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। आज इस दिशा में देश के प्रमुख औद्योगिक राज्य गुजरात ने एक अहम पहल की है। गुजरात कार्बन मार्किट स्थापित करने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। 

देश की पर्यावरणीय सुरक्षा की दिशा में आज एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की मौजूदगी में गुजरात सरकार और एनर्जी पालिसी इंस्टिट्यूट यूनिवर्सिटी ऑफ़ शिकागो एवं साउट एशिया की जे-पाक के बीच MOU पर हस्ताक्षर किए गए। 

क्या है कार्बन मार्केट 

गुजरात सरकार ने कार्बन मार्केट शुरू करने की पहल के रूप में MOU किया है। इसके परिणामस्वरूप, गुजरात में भी बड़ी संख्या में नए निवेश आएंगे और गुजरात CO2 बाजार के क्षेत्र में देश के लिए एक प्रमुख उदाहरण बनेगा। कार्बन बाज़ार (Carbon Market) के अंतर्गत विश्व के विभिन्न देश या कंपनियाँ उनके द्वारा ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी के चलते प्राप्त किये गए एक प्रमाण-पत्र, जिसे सर्टिफाइड उत्सर्जन कटौती (Certified Emission Reduction-CER) या कार्बन क्रेडिट (Carbon Credit) कहा जाता है, का क्रय-विक्रय करती हैं। जिन कंपनियों ने ग्रीनहाउस गैसों में कटौती के माध्यम से कार्बन ऑफसेट के लक्ष्यों की प्राप्ति की है उनके द्वारा अतिरिक्त कटौती करने पर उन्हें कार्बन क्रेडिट प्राप्त होगा।

पीएम मोदी ने रखा नेट जीरो इमिशन्स का लक्ष्य 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2021 को ग्लासगो में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया था। जहां उन्होंने जलवायु परिवर्तन सम्मेलन COP-25 में भारत को 2070 तक नेट जीरो इमिशन्स को ओर ले जाने का संकल्प लिया था। इस संबंध में, भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट नॉन फोसिल फ्यूल इलेक्ट्रिसिटी कैपेसिटी तक पहुँचाने के पांच लक्ष्य निर्धारित किए हैं। 

सूरत में शुरू हुई पहल से घटा प्रदूषण 

गुजरात द्वारा सूरत में शुरू की गई पार्टिकल मेटर के लिए दुनिया की पहली उत्सर्जन ट्रेडिंग योजना इसी संबंध में एक पहल है। इस परियोजना को 2019 में सूरत में वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संयुक्त रूप से एक बड़े पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है। सूरत के लगभग 350 अत्यधिक प्रदूषित उद्योग इस परियोजना का लाभ उठा रहे हैं। इस पहल से उद्योगों के उत्सर्जन में 24% की कमी आई है। इस सफलता के बाद, गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अब इस परियोजना का विस्तार अहमदाबाद, वापी, वडोदरा और भरूच में कर रहा है।

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