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डव, लक्स, लाइफबॉय, पीयर्स खरीदना हुआ महंगा, कंपनियों ने दाम में इतने प्रतिशत की वृद्धि की

HUL ने चाय और त्वचा की सफाई करने वाले उत्पादों की कीमतों में भी वृद्धि की है। इनमें डव, लक्स, लाइफबॉय, लिरिल, पीयर्स, रेक्सोना आदि ब्रांड के तहत इसका साबुन कारोबार शामिल है।

Dove, Lux, Lifebuoy- India TV Paisa Image Source : FILE डव, लक्स, लाइफबॉय

आम लोगों को महंगाई का एक और झटका कंज्यूमर गुड्स बनाने वाली प्रमुख कंपनियों ने दिया है। एचयूएल, टाटा कंज्यूमर समेत कई FMCG उत्पाद बनाने वाली कंपनियों ने साबुन और चाय की कीमत में बढ़ोतरी की है। आपको बता दें कि दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली एचयूएल और विप्रो जैसी प्रमुख कंपनियों ने पामतेल कीमतों में वृद्धि के प्रभाव को कम करने के लिए साबुन की कीमतों में लगभग 7 से 8 प्रतिशत की वृद्धि की है। पामतेल, साबुन उत्पाद का एक प्रमुख कच्चा माल है। एचयूएल और टाटा कंज्यूमर जैसी कंपनियों ने हाल ही में चाय की कीमतों में भी वृद्धि की है, क्योंकि अनियमित मौसम के कारण उत्पादन में गिरावट आई है। 

अजीम प्रेमजी के नेतृत्व वाली विप्रो एंटरप्राइजेज की इकाई विप्रो के पास संतूर जैसे ब्रांड हैं। अग्रणी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) ने चाय और त्वचा की सफाई करने वाले उत्पादों की कीमतों में भी वृद्धि की है। इनमें डव, लक्स, लाइफबॉय, लिरिल, पीयर्स, रेक्सोना आदि ब्रांड के तहत इसका साबुन कारोबार शामिल है। 

क्यों बढ़ी साबुन की कीमत 

सितंबर तिमाही के परिणामों के दौरान, कई सूचीबद्ध कंपनियों ने अपने मार्जिन को सुरक्षित रखने के लिए चालू तिमाही में साबुन की कीमतों में वृद्धि का संकेत दिया। ये कंपनियां पामतेल, कॉफी और कोको जैसे जिंस आदानों की लागत में वृद्धि का सामना कर रही थीं। विप्रो कंज्यूमर केयर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) नीरज खत्री ने कहा कि साबुन बनाने में प्रमुख कच्चे माल की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसमें इस साल की शुरुआत से 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, सभी प्रमुख कारोबारियों ने वृद्धि को आंशिक रूप से संतुलित करने के लिए लगभग सात-आठ प्रतिशत की मूल्य वृद्धि की है। हमारे मूल्य निर्धारण समायोजन इन बाजार रुझानों के अनुरूप हैं।

पामतेल 35-40 प्रतिशत महंगा हुआ

आयात शुल्क बढ़ने के साथ-साथ वैश्विक कीमतों में वृद्धि के कारण सितंबर के मध्य से पामतेल की कीमतों में लगभग 35-40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पाम तेल मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से आयात किया जाता है। वर्तमान में पामतेल की कीमत लगभग 1,370 रुपये प्रति 10 किलोग्राम है। एक वितरक के अनुसार, इसके अलावा, एचयूएल के अन्य व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों की कीमतें भी बढ़ गई हैं। नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के कार्यकारी निदेशक (शोध) अबनीश रॉय के अनुसार, एचयूएल के बाद, अब अधिकांश कंपनियां कीमतों में बढ़ोतरी करेंगी। 

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