रीसेल में फ्लैट खरीदें या बिल्डर से सीधे बुक करें, जानें कौन सी प्रॉपर्टी लेना फायदे का सौदा
रियल एस्टेट मामलों के विशेषज्ञ प्रदीप मिश्रा ने इंडिया टीवी को बताया कि अगर आप एंड यूजर्स हैं और अपने रहने के लिए घर खरीद रहें हैं तो नई प्रॉपर्टी लेना फायदे का सौदा होगा।
देश में प्रॉपर्टी मार्केट बूम पर है। दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु समेत तमाम छोटे से बड़े शहरों में प्रॉपर्टी की जबरदस्त मांग देखी जा रही है। इसके चलते बहुत सारे लोग अब नई प्रॉपर्टी के साथ रीसेल प्रॉपर्टी की ओर भी रुख कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर आप एंड यूजर्स हैं तो कौन सी प्रॉपर्टी लेना सही होगा? वहीं अगर आप इन्वेस्टर है तो रीसेल में या सीधे बिल्डर से फ्लैट लेना ठीक होगा? आइए, आपके इन दोनों सवालों के जवाब देते हैं।
एंड यूजर्स के लिए नई प्रॉपर्टी लेना ज्यादा सही
रियल एस्टेट मामलों के विशेषज्ञ प्रदीप मिश्रा ने इंडिया टीवी को बताया कि अगर आप एंड यूजर्स हैं और अपने रहने के लिए घर खरीद रहें हैं तो नई प्रॉपर्टी लेना फायदे का सौदा होगा। ऐसा इसलिए कि आज जो नई प्रॉपर्टी बन रही है, वह आज की जरूरत के मुताबिक, उसमें सुविधाएं दी जा रही हैं। नई प्रॉपर्टी की कंस्ट्रक्शन क्वालिटी काफी अच्छी है। वहीं, पुरानी प्रॉपर्टी में वो सारी सुविधाएं नहीं मिलती है। हां, यह जरूर है कि रीसेल प्रॉपर्टी के मुकाबले नई प्रॉपर्टी थोड़ी महंगी होती है। रीसेल प्रॉपर्टी डेवलप एरिया में होती है, जबकि नई प्रॉपर्टी एक डेवलपिंग एरिया में हो सकती है, जिसे पूरी तरह से डेवलप होने में 4 से 5 साल का वक्त लग सकता है। इस सब के बावजूद नई प्रॉपर्टी लेना फायदे का सौदा है। वहीं, अगर आप रेंटल इनकम चाहते हैं तो रीसेल प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं।
सुकून से सोना है तो सीधे बिल्डर से खरीदें फ्लैट
अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने इंडिया टीवी को बताया कि अगर पैसा लगाने के बाद सुकून से सोना है तो सीधे बिल्डर से प्रॉपर्टी खरीदें। इसके पीछे कई वजह है। रीसेल मतलब पुरानी प्रॉपर्टी में आपको कानूनी पचड़े के साथ खराब कंस्ट्रक्शन क्वालिटी का सामना करना पड़ता है। वहीं, नई प्रॉपर्टी में ऐसी कोई समस्या नहीं आती है। आपको पेपर वर्क के साथ बेहतर कंस्ट्रक्शन क्वालिटी वाले प्रोजेक्ट में घर खरीदने का मौका मिलता है। वहीं, सीधे बिल्डर से लेने से मालिकाना हक की भी चिंता नहीं होती है। आप अपनी जरूरत और पसंद के हिसाब से लोकेशन का चयन भी कर पाते हैं। हां, यह जरूर है कि इसके लिए थोड़े पैसे अधिक देने होते हैं लेकिन घर बार-बार नहीं खरीदा जाता। इसलिए घर खरीदने का फैसला काफी सोच-विचार कर लेना चाहिए।
बिल्डर से नया फ्लैट बुक करते समय ध्यान रखें ये बातें:
- बिल्डर का रेपुटेशन: किसी भी नए प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक करने से पहले बिल्डर का रेपुटेशन जरूर चेक करें। उसके पुराने प्रोजेक्ट का हाल, उसमें रह रहे लोगों से उसके बारे में राय जरूर लें। साथ ही जिस प्रोजेक्ट में घर लेने जा रहे हैं, वह कागजी रूप से दुरुस्त हो।
- लेआउट और प्लान: प्रोजेक्ट -फ्लैट का लेआउट और प्लान जरूर देखें। यह सुनिश्चित करें कि लेआउट आपकी जरूरत के मुताबिक है या नहीं।
- निर्माण गुणवत्ता: नए घर के निर्माण की क्वालिटी का निरीक्षण करना अनिवार्य है। उपयोग की गई सामग्री के प्रकार और फिनिशिंग की क्वालिटी को जरूर देखें।
- रीसेल प्राइस: नया फ्लैट बुक करने से पहले यह भी चेक करें कि अगर कभी आपको बेचना हो तो क्या वह जल्दी बिक जाएगा। उस फ्लैट का रीसेल प्राइस क्या होगा।
रीसेल में घर खरीद रहे हैं तो इन बातों पर ध्यान दें
- एक नए खरीदार के रूप में यह सुनिश्चित करें कि आप जिस फ्लैट को खरीदने जा रहे हैं, उस पर कोई कानूनी पचड़ा तो नहीं है। उस फ्लैट के मालिक का विवरण, यूनिट, लोन बकाया, कार पार्किंग आदि की पूरी तरह से जांच करें। फ्लैट की रजिस्ट्री हमेशा उस संपत्ति के मालिक द्वारा ही कराएं।
- अगर उस फ्लैट पर लोन है तो पता करें कि कितना बकाया है। फिर बैंक से बात कर उसका सेटलमेंट करें।
- जिस प्रोजेक्ट में रीसेल में फ्लैट खरीद रहे हैं, यह पता करें कि उसे सभी स्वीकृति मिल चुकी है। इससे बाद में आपको परेशानी का सामना नहीं करना होगा।
- यह भी पता करें कि जो फ्लैट ले रहे हैं, उस पर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन या सरकार पर कोई बकाया नहीं हो।