घर खरीदारों के हक में बड़ा फैसला आया है। दरअसल, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने फैसला लिया है कि फ्लैट बुकिंग करते समय ही, बिल्डर और बायर के बीच होने वाले एग्रीमेंट यानी बिल्डर-एग्रीमेंट को पंजीकृत करना होगा। यानी बुकिंग के समय ही बायर्स फ्लैट की रजिस्ट्री के लिए लगने वाले स्टांप ड्यूटी का पूरा भुगतान करेगा। बाद में जब फ्लैट का पजेशन मिलेगा तो सिर्फ 100 रुपये के स्टांप पेपर ही रजिस्ट्री हो जाएगी। इस फैसले से होम बायर्स को यह फायदा होगा कि वह फ्लैट बुक करने के साथ उसका लीगल मालिक होगा। उसके पास लीगल डक्यूमेंट्स होंगे। अगर बाद में प्रोजेक्ट बनने में समस्या आती है तो उस लीगल पेपर से होम बायर्स अपना पक्ष मजबूती से रख पाएगा। आपको बता दें कि यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी और नोएडा अथॉरिटी इस पहल को पहले ही लागू कर चुकी है। अब ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने लागू किया है।
बिल्डर अपनी मर्जी से फ्लैट कैंसल नहीं कर पाएंगे
रियल एस्टेट के जानकारों का कहना है कि बुकिंग के समय ही लीगल डक्यूमेंट्स होने से बिल्डर की मनमर्जी नहीं चलेगी। वह अपनी मर्जी से किसी बायर्स का फ्लैट कैंसल नहीं कर पाएंगे। बायर्स को लीगल लड़ाई लड़ने के लिए वैध डक्यूमेंट्स होगा। वहीं, अगर प्रोजेक्ट बनाने के दौरान बिल्डर गड़बड़ी करता है या प्रोजेक्ट में बदलाव करता है तो वह उसकी शिकायत अथॉरिटी में आसानी से कर पाएगा। फिर अथॉरिटी कदम उठाएगी और बिल्डर को गलत करने से रोकेगी। नए नियम से जितनी जिम्मेदारी बिल्डर की होगी, उतनी ही अथॉरिटी ही होगी।
सर्कल रेट बढ़ने का भी असर नहीं होगा
अभी तक कई प्रोजेक्ट बनने में कई साल लग रहे हैं। कई प्रोजेक्ट 10 से 15 साल की देरी से चल रहे हैं। इस बीच में अथॉरिटी सर्कल रेट में इजाफा कर रही है। इससे रजिस्ट्री की लागत बढ़ जा रही है। इसका बोझ होम बायर्स पर पड़ रहा है। बुकिंग के समय में ही रजिस्ट्री की लागत जमा करने से बाद में सर्कल रेट बढ़ने का असर भी बायर्स पर नहीं होगा। इसका फायदा रजिस्ट्री विभाग को भी होगा। रजिस्ट्री विभाग को स्टांप ड्यूटी भी समय से मिल जाएगी। अभी तक फ्लैट की कुल कीमत का भुगतान होने पर ही रजिस्ट्री हो पाती है।
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