नई दिल्ली। देश में 17 अप्रैल से शादियों का सीजन शुरू हो रहा है। कोरोना महामारी से राहत मिलने से इस बार बड़ी संख्या में शादियां होनी हैं। अप्रैल मघ्य से लेकर जून महीने तक शादियों के लिए जबरदस्त लगन है। देश में 17 से 18 अप्रैल, 10 से 18 मई और 1 से 10 जून तक कई लाख शादियां इस बार पूरे देश में होंगी। हालांकि, इस बार दुल्हा-दुल्हन दोनों पक्ष पर महंगाई की मार पड़ने वाली है। आसमान छूती महंगाई से विवाह समारोह का आयोजन खर्च में 30 फीसदी की भारी बढ़ोतरी हुई है। यह बढ़ोतरी बैंक्वेट हॉल, केटरिंग, ट्रांसपोर्टेशन, डेकोरेशन, फूल, ज्वैलरी, कपड़े आदि महंगे होने से हुए हैं।
फूल की महंगाई ने बढ़ाई डेकोरेशन की लागत
बोनवेरा वेडिंग कंपनी के डायरेक्टर हर्ष पंडित ने इंडिया टीवी को बताया कि इस बार महंगाई की मार सबसे अधिक फूलों पर देखने को मिल रही है। पिछले बार एक शादी के डेकोरेशन के लिए 1 लाख रुपये का फूल का खर्च इस बार बढ़कर 1.5 से 1.6 लाख रुपये तक पहुंच गया है। इसके साथ ही लेबर चार्ज भी काफी बढ़ा है। स्किल्ड लेबर का चार्ज 1000 रुपये और अनस्किल्ड लेबर का 700 रुपये हो गया है। पेट्रोल-डीजल की महंगाई ने ट्रांसपोर्टेशन लागत बढ़ाने का काम किया है। विवाह समारोह में उपयोग में आने वाली कुर्सियों से लेकर स्टेज, टेंट आदि का किराया में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में अगर पिछले साल किसी शादी के डेकेरोशन में 2 लाख रुपये का खर्च आता था तो वह इस बार बढ़कर कम से 3 लाख रुपये पहुंच गया है।
केटरिंग से लेकर बैंड-बाजा भी हो गया है महंगा
साव इवेंट्स कंपनी के प्रबंधक अंशु गोयल ने बातया कि महंगाई की मार इस बार केटरिंग से लेकर बैंड-बाजा पर देखन को मिल रही है। पिछले साल 500 रुपये प्लेट मिलने वाला खाना इस बार 800 रुपये तक पहुंच गया है। बारात के समय आने वाली जिस बैंड पार्टी की बुकिंग 2,5000 रुपये तक में हो जाती थी, वह आज 50 हजार रुपये से कम पर तैयार ही नहीं होते। शादी वाले दिन घर में रात भर रह कर बाजा बजाने वाले दो-तीन लोगों की टीम की बुकिंग दो-तीन हजार रुपये में हो जाती थी। वे इस समय 8,000 रुपये से कम पर मान ही नहीं रहे हैं।
ज्वैलरी से लेकर कपड़े के दाम में भारी बढ़ोतरी
इस बार शादियों के बजट बढ़ाने में ज्वैलरी, कपड़े, जूते, चप्पल, दुल्हा-दुल्हन के शादी के जोड़े अहम रोल निभा रहे हैं। सोना महंगा होने से ज्वैलरी खरीदने का बोझ बढ़ा है। वहीं, कपड़े पिछले साल के मुकाबले 30 फीसदी तक महंगा होने से इसका भी बजट तेजी से बढ़ा है। ओवरऑल इस बार शादियों में बढ़ा खर्च दुल्हे और दुल्हन दोनों पक्ष को परेशानी में डालने का काम करेंगे।
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