Budget 2022: अफोर्डेबल हाउसिंग पर सरकार का जोर, पीएम आवास योजना में 80 लाख घर बनेंगे
श में सभी नागरिकों को घर देने को लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार का पूरा जोर है। बजट में देशभर में पीएम आवास योजना के तहत 80 लाख सस्ते घर बनाने का ऐलान किया है।
Highlights
- पीएम आवास योजना के तहत 80 लाख सस्ते घर बनाने का ऐलान
- इसके लिए वित्त वर्ष 2022-23 में 48 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए जाएंगे
- प्रधानमंत्री आवाज योजना एक सरकारी स्कीम है
नई दिल्ली। देश में सभी नागरिकों को घर देने को लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार का पूरा जोर है। बजट में देशभर में पीएम आवास योजना के तहत 80 लाख सस्ते घर बनाने का ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि इसके लिए वित्त वर्ष 2022-23 में 48 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए जाएंगे। केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर इस योजना को अंजाम तक पहुंचाएंगी।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवाज योजना एक सरकारी स्कीम है जिसके तहत कमजोर आय वर्ग के सभी लोगों या परिवारों को पक्का घर उपलब्ध कराना है। सरकार ने इस स्कीम के तहत मार्च 2022 तक देशभर में 2 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य है लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसमें बाधा आ गई है। ऐसे में सरकार का जोर इस योजना पर और बढ़ गया है। पीएम आवास योजना के तहत पात्रता की अलग-अलग शर्तें हैं, जिसके तहत बेनिफिट दिया जाता है। योजना को शहरी और ग्रामीण के लिए लागू किया गया है। पिछले साल सरकार ने ऐलान किया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण का फायदा मार्च 2024 तक मिलता रहेगा।
ड्रोन तकनीक से किसानों की मदद की जाएगी
सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देशभर के किसानों को डिजिटल और उच्च-प्रौद्योगिकी वाली सेवाओं के वितरण के लिए किसान ड्रोन, रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) को बढ़ावा देने की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, समावेशी विकास के तहत सरकार फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए 'किसान ड्रोन' के उपयोग को बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा कि सरकार कृषि स्टार्टअप और ग्रामीण उद्यमों के वित्तपोषण के लिए नाबार्ड के माध्यम से सह-निवेश मॉडल के तहत जुटाई गई मिश्रित पूंजी के साथ एक कोष की सुविधा भी प्रदान करेगी। वित्त मंत्री ने कहा, यह कृषि उपज मूल्य श्रृंखला के लिए प्रासंगिक कृषि और ग्रामीण उद्यम के लिए स्टार्टअप का वित्तपोषण करने के लिए है।
तिलहन का घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर जोर
सीतारमण ने आगे कहा कि सरकार पहले चरण में गंगा नदी के किनारे पांच किलोमीटर चौड़े गलियारों में किसानों की भूमि पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूरे देश में प्राकृतिक जैविक खेती को बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा कि खाद्य तेलों के आयात पर देश की निर्भरता कम करने के लिए तिलहन का घरेलू उत्पादन बढ़ाने को युक्तिसंगत और व्यापक योजना लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों को डिजिटल और ‘हाई-टेक’ सेवाएं देने के लिए सरकार निजी कृषि प्रौद्योगिकी कंपनियों और कृषि मूल्य श्रृंखला के अंशधारकों के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के अनुसंधान और विस्तार संस्थानों की भागीदारी में पीपीपी आधार पर एक योजना शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक शून्य बजट और जैविक खेती, आधुनिक कृषि, मूल्य संवर्धन और प्रबंधन की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्यों को कृषि विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम को संशोधित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
1,208 लाख टन गेहूं की खरीदारी होगी
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार 2021-22 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 163 लाख किसानों से 1,208 लाख टन गेहूं और धान की खरीद करेगी। उन्होंने कहा, 'एमएसपी मूल्य का 2.37 लाख करोड़ रुपये उनके खातों में सीधे डाले जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2023 को ‘मोटे अनाज का अंतरराष्ट्रीय वर्ष’ घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोटे अनाज उत्पादों की घरेलू खपत को बढ़ाने के लिए फसल कटाई के बाद के प्रबंधन को सहायता देगी।