Budget 2025: टू-व्हीलर की घट सकती है कीमत, बजट में बाइक पर GST घटाकर 18% करने की मांग
ऑटो इंडस्ट्री मांग बढ़ाने और आम लोगों को राहत देने के लिए बजट में टैक्स घटाने की मांग कर रहा है। अगर ये मांग मान ली जाती है तो टू-व्हीलर गाड़ियों की कीमत कम हो सकती है।
आम बजट की तैयारियां तेजी से चल रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को संसद में बजट पेश करेंगी। इस बार के बजट में टैक्स के मोर्चे पर कई रियायत मिलने की उम्मीद लगाई जा रही है। इसी कड़ी में दोपहिया विनिर्माता हीरो मोटोकॉर्प के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) निरंजन गुप्ता ने बुधवार को 125 सीसी तक की क्षमता वाले दोपहिया वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती की मांग करते हुए कहा कि ये वाहन देश में आम जनता के लिए परिवहन का विकल्प हैं। उन्होंने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो जीएसटी केंद्रीय बजट का विषय नहीं है। लेकिन इसके साथ मैं यह भी कहूंगा कि खासकर 125 सीसी तक के दोपहिया वाहनों पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने का एक मजबूत मामला बनता है। इसकी वजह यह है कि ये आम लोगों के वाहन हैं।
अभी 28 प्रतिशत चुकाना होता है जीएसटी
वर्तमान में सभी तरह के दोपहिया वाहनों के लिए 28 प्रतिशत की एकसमान जीएसटी दर है। उन्होंने कहा कि दोपहिया वाहन विलासिता का सामान न होकर भारत में आम लोगों के लिए परिवहन का साधन हैं। गुप्ता ने कहा कि प्रवेश स्तर के दोपहिया वाहन बहुत सारे प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रोजगार पैदा करने में मदद करते हैं। ऐसे में कम-से-कम 125 सीसी तक के दोपहिया वाहनों पर जीएसटी को घटाकर 18 प्रतिशत किया जाना चाहिए। इसके साथ ही गुप्ता ने कहा कि सरकार को दीर्घकालिक वृद्धि, स्थिरता और निवेश के रास्ते पर चलते रहना चाहिए ताकि पूंजीगत निवेश में वृद्धि जारी रहे। उन्होंने रोजगार सृजन के लिए शुरू की गई योजनाओं का विस्तार किए जाने की भी बात कही।
प्री-ओन्ड टू-व्हीलर के लिए नई नीति की जरूरत
ड्राइवएक्स के फाउंडर, नारायण कार्तिकेयन ने कहा कि 2025 के बजट में प्री-ओन्ड टू-व्हीलर उद्योग के लिए नई नीति लाने की मांग करते हैं। वहीं, ट्रोनटेक के फाउंडर और सीईओ, समरथ सिंह कोचर ने कहा कि हम इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) और ऊर्जा भंडारण क्षेत्रों के लिए एक मजबूत प्रोत्साहन की उम्मीद इस बजट से कर रहे हैं। हमारा मानना है कि आगामी बजट को उन्नत बैटरी प्रौद्योगिकियों के विकास और अपनाने को प्रोत्साहित करना जारी रखना चाहिए, यह सुनिश्चित करते हुए कि हम आत्मनिर्भर बने रहें और आयात पर निर्भरता कम करें। इसके अलावा, टिकाऊ ऊर्जा भंडारण समाधानों के लिए समर्थन न केवल ईवी, बल्कि अक्षय ऊर्जा और बैकअप पावर सिस्टम जैसे अन्य क्षेत्रों को भी सशक्त बनाएगा।