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Budget 2025: डिफेंस बजट में कितनी बढ़ोतरी कर सकती है सरकार, कहां रहेगा फोकस

एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरकार इस बार डिफेंस सेक्टर के लिए आवंटित किए जाने वाले बजट में 'मध्यम' बढ़ोतरी कर सकती है। बीते सालों की तरह, इस साल भी केंद्र सरकार का आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भरता पर खास ध्यान रहेगा।

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Budget 2025: वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पेश किए जाने वाले बजट में अब कुछ ही दिनों का समय रह गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए देश का बजट पेश करेंगी। निर्मला सीतारमण का ये 8वां बजट होगा। पीएम नरेंद्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद ये दूसरा बजट होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा से ही देश के डिफेंस सेक्टर को लेकर काफी गंभीर रहे हैं और इस बार भी उम्मीद है कि सरकार देश की सुरक्षा को लेकर कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकती है।

डिफेंस बजट में मध्यम बढ़ोतरी की उम्मीद

एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरकार इस बार डिफेंस सेक्टर के लिए आवंटित किए जाने वाले बजट में 'मध्यम' बढ़ोतरी कर सकती है। बीते सालों की तरह, इस साल भी केंद्र सरकार का आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भरता पर खास ध्यान रहेगा। वित्त वर्ष 2024-2025 के लिए, सरकार ने डिफेंस सेक्टर के लिए 6.22 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जो वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में 4.79 प्रतिशत ज्यादा था। पिछले साल, नई सरकार के गठन के बाद जुलाई में पेश किए गए बजट में सरकार ने डिफेंस के लिए 1.72 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) की घोषणा की थी। बजट में बॉर्डर की सड़कों के लिए 6500 करोड़ रुपये, कोस्टल सिक्यॉरिटी के लिए 7651 करोड़ रुपये और iDEX स्कीम के तहत इनोवेशन के लिए 518 करोड़ रुपये शामिल थे।

7-8 प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है पूंजीगत व्यय

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डिफेंस के लिए पूंजीगत व्यय में पिछले सालों की तरह ही 7 से 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा सकती है। इस बजट में डिफेंस के लिए 1.9 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए जा सकते हैं। इसमें सेना की गाड़ियों और नेवी के लिए आवंटन में बढ़ोतरी की जा सकती है। जबकि, एयरोस्पेस के लिए आवंटन को जस-का-तस रखा जा सकता है। 

इंपोर्ट सब्स्टिट्यूशन के लिए बहुत बड़ा मौका

फिलिपकैपिटल के एनालिस्ट्स ने हाल ही की एक रिपोर्ट में बताया, "साल 2023 में भारत ने डिफेंस के लिए 84 बिलियन डॉलर अलॉट किए थे। इसी के साथ, डिफेंस पर सबसे ज्यादा खर्च करने के मामले में भारत चौथे स्थान पर पहुंच गया था। डिफेंस के लिए अलॉट किए गए 84 बिलियन डॉलर, देश की कुल जीडीपी का 2.4% है। हालांकि, भारत की लगभग 35% रक्षा जरूरतें अभी भी इंपोर्ट की जाती हैं, आयात के ज़रिए पूरी की जाती हैं, जो इंपोर्ट सब्स्टिट्यूशन के लिए एक बहुत बड़ा मौका है।" 

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