Budget 2025: इनकम टैक्स में राहत देने की मांग, पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने का सुझाव
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि घरेलू खपत भारत की वृद्धि यात्रा के लिए महत्वपूर्ण रही है, लेकिन महंगाई के दबाव ने उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति को कुछ हद तक कम कर दिया है।
Budget 2025: आम बजट की तैयारी शुरू हो चुकी है। उद्योग निकाय और इंडस्ट्री एक्सपर्ट अपनी तरफ से वित्त मंत्री को कई तरह के सुझाव दे रहे हैं। इसमें इनकम टैक्स राहत, ईंधन पर कर घटाने का सुझाव समेत कई मांग शामिल हैं। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने वित्त वर्ष 2025-26 के आम बजट के लिए अपने सुझावों में ईंधन पर उत्पाद शुल्क कम करने का सुझाव दिया है। उद्योग निकाय ने कहा कि खपत बढ़ाने के लिए खासकर निम्न आय स्तर पर यह छूट दी जानी चाहिए, क्योंकि ईंधन की कीमतें मुद्रास्फीति को काफी बढ़ाती हैं। सीआईआई ने कहा कि बजट में 20 लाख रुपये प्रति वर्ष तक की व्यक्तिगत आय के लिए इनकम टैक्स में राहत देने पर भी विचार करने की मांग की है। उद्योग निकाय का कहना है कि इनकम टैक्स घटाने से लोगों के हाथ में पैसा बचेगा, जिससे बाजार में मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे सरकार का रेवन्यू भी बढ़ेगा।
पेट्रोल पर अभी 21 प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी
उद्योग निकाय ने कहा कि केंद्रीय एक्साइज ड्यूटी पेट्रोल के खुदरा मूल्य का लगभग 21 प्रतिशत और डीजल के लिए 18 प्रतिशत है। मई, 2022 से, इन शुल्कों को वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 40 प्रतिशत की कमी के अनुरूप समायोजित नहीं किया गया है। ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी कम करने से महंगाई को कम करने और खर्च करने योग्य आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। सीआईआई ने कम आय वाले समूहों को लक्षित करते हुए उपभोग वाउचर शुरू करने का सुझाव दिया, ताकि तय अवधि में कुछ खास वस्तुओं और सेवाओं की मांग को बढ़ावा दिया जा सके। इसके अलावा सरकार से पीएम-किसान योजना के तहत वार्षिक भुगतान को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 8,000 रुपये करने का सुझाव भी दिया गया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर में आरएंडी को बढ़ावा मिले
इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर निर्यात संवर्धन परिषद (ईएससी) ने डिजाइन से जुड़ी प्रोत्साहन (डीएलआई) योजना में और अधिक सुधार की वकालत की है, ताकि इसे अधिक व्यापक एवं प्रभावोन्मुख बनाया जा सके। उद्योग निकाय ने हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बातचीत के दौरान पूंजी गहन इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) तथा नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन की जोरदार वकालत की है। ईएससी ने भारत में अनुसंधान एवं विकास को आगे बढ़ाने तथा पेटेंट/डिजाइन दाखिल करने के लिए अपने कारोबार का तीन प्रतिशत से अधिक खर्च करने वाली भारतीय कंपनियों के लिए अतिरिक्त आयकर छूट की भी मांग की है।