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Hindi News पैसा बिज़नेस Budget 2025: इकोनॉमी को बूस्ट करने और सुस्ती से निपटने के लिए बजट में हो सकती हैं बड़ी घोषणा, ये मुद्दे अहम

Budget 2025: इकोनॉमी को बूस्ट करने और सुस्ती से निपटने के लिए बजट में हो सकती हैं बड़ी घोषणा, ये मुद्दे अहम

पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई बैठक में बजट की व्यापक रूपरेखा पर चर्चा की गई है और विस्तृत जानकारी के लिए आगे और अधिक चर्चा की जाएगी।

आगामी 1 फरवरी को देश का आम बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी।- India TV Paisa Image Source : INDIA TV आगामी 1 फरवरी को देश का आम बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी।

मोदी सरकार आगामी आम बजट में देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार में लाने और मौजूदा आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए बड़े ऐलान कर सकती है। यह घोषणाएं मांग को समर्थन देने और विकास को बढ़ावा देने के लिए की जा सकती है, क्योंकि धीमी होती अर्थव्यवस्था को मदद की जरूरत है। इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, इनमें मिडिल क्लास के लिए टैक्स रिलीफ, इंडस्ट्रीज को प्रतिकूल बाहरी वातावरण से बचाने के लिए टैरिफ उपाय, और रोजगार सृजन और निजी निवेश को बढ़ावा देने की पहल की जा सकती है। पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई बैठक में बजट की व्यापक रूपरेखा पर चर्चा की गई है और विस्तृत जानकारी के लिए आगे और अधिक चर्चा की जाएगी।

बजट को एक मजबूत संकेत देने पर विचार

खबर के मुताबिक, आगामी 1 फरवरी को देश का आम बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। इस बात की चर्चा है कि सरकार बजट में एक मजबूत संदेश देने के लिए उत्सुक है। सरकार में यह विचार बढ़ रहा है कि इस बजट को एक मजबूत संकेत देना चाहिए। वित्त वर्ष 2025 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर यानी जीडीपी चार साल के निचले स्तर 6.4% पर पहुंचने का अनुमान है, जिससे मांग और निवेश को बढ़ावा देने के उपायों की मांग बढ़ेगी। नई कर व्यवस्था के तहत व्यक्तियों के लिए राहत, कॉर्पोरेट कर का सरलीकरण और स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की आसान व्यवस्था पर भी बात हो सकती है।

निजी निवेश को बढ़ावा देने की होगी कोशिश

मौजूदा समय में, जिस व्यक्ति की 15 लाख रुपये सालाना आय है, उसपर सबसे अधिक 30% टैक्स लागू होता है। कम टैक्स बोझ शहरी मांग में कमी को पुनर्जीवित करने में मदद कर सकता है। बीते साल जुलाई के बजट में घोषित तीन रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन योजनाओं के आधार पर कुछ फॉलो अप उपायों से भी रोजगार पैदा करने में समर्थन मिलने की संभावना है। बजट में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए और अधिक जोर दिए जाने की उम्मीद है। विदेशी निवेश व्यवस्था को आसान बनाने के उपायों पर भी चर्चा की गई है और बजट में इसका उल्लेख हो सकता है।

31 लाख करोड़ रुपये से अधिक अटके

कर परामर्शदाता ईवाई इंडिया ने हाल ही में कहा है कि आगामी बजट में निजी पूंजीगत व्यय के प्रोत्साहन, कर सरलीकरण और मांग को बढ़ावा देने के लिए व्यक्तिगत आयकर में कटौती पर ध्यान दिए जाने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2023-24 तक आयकर विवादों में 31 लाख करोड़ रुपये से अधिक अटके हुए हैं। इसे देखते हुए आयकर आयुक्त (अपील) के पास लंबित मामलों को निपटाने और अग्रिम मूल्य निर्धारण समझौते एवं सुरक्षित ठिकानों जैसे वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र को मजबूत करने की तत्काल जरूरत है।

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