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Budget 2024: क्या बजट में मोबाइल फोन को सस्ता करने पर भी होगा ऐलान? इंडस्ट्री की हैं ये उम्मीदें

केंद्र सरकार ने पिछले साल भारत में मोबाइल फोन निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कैमरा लेंस जैसे प्रमुख कम्पोनेंट पर इम्पोर्ट टैक्स में कटौती की थी।

पीएलआई स्कीम का मकसद बड़े पैमाने पर विनिर्माण को बढ़ावा देना है और साथ ही प्रॉमिसिंग में निवेश आकर्- India TV Paisa Image Source : INDIA TV पीएलआई स्कीम का मकसद बड़े पैमाने पर विनिर्माण को बढ़ावा देना है और साथ ही प्रॉमिसिंग में निवेश आकर्षित करना है।

बजट में मोबाइल फोन की कीमत घटने को लेकर भी काफी उम्मीदें हैं। स्मार्टफोन खरीदारों भी इस बात को लेकर उत्सुक हैं कि क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में फोन सस्ता करने को लेकर कोई बड़ी घोषणा करेंगी? वित्त मंत्री सीतारमण 23 जुलाई को संसद में अपना सातवां बजट पेश करने वाली हैं। केंद्र सरकार ने पिछले साल भारत में मोबाइल फोन निर्माण को बढ़ावा देने के लिए कैमरा लेंस जैसे प्रमुख कम्पोनेंट पर इम्पोर्ट टैक्स में कटौती की थी। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, वित्त मंत्री ने फोन और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए एक प्रमुख घटक लिथियम-आयन बैटरी पर टैक्स की दर में कटौती की थी। इस नीतिगत बदलाव का उद्देश्य कंपनियों के लिए भारत में फोन का निर्माण करना सस्ता बनाना है।

पीएलआई योजना को फिर लागू कर सकती है सरकार

खबर के मुताबिक, उम्मीद है कि नई एनडीए सरकार अपने आगामी बजट में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए भारत के प्रमुख कार्यक्रम- उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को फिर से लागू कर सकती है। कंपनियों को लोकल लेवल पर मैनुफैक्चरिंग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन की गई, पीएलआई योजना घरेलू उत्पादन में वृद्धि के आधार पर वित्तीय पुरस्कार प्रदान करती है। इसका मकसद ग्लोबल लेवल पर भारतीय निर्मित वस्तुओं की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना, बड़े पैमाने पर विनिर्माण को बढ़ावा देना है और साथ ही प्रॉमिसिंग  में निवेश आकर्षित करना है।

पीएलआई से मिलता है रोजगार और निर्यात को बढ़ावा

उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) कार्यक्रम उन उद्योगों पर फोकस करती है, जहां अग्रणी बनने की क्षमता है। जिससे रोजगार सृजन और निर्यात वृद्धि को बढ़ावा मिलता है। इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़ा और दूसरे जैसे 14 प्रमुख क्षेत्रों के लिए पीएलआई स्कीम शुरू करने के बाद, सरकार अब अतिरिक्त क्षेत्रों को शामिल करने के लिए कार्यक्रम का विस्तार करने पर विचार कर रही है। निर्माताओं के सामने आने वाली चुनौतियों को पहचानते हुए, कुछ मौजूदा पीएलआई योजनाओं को नए अवसर प्रदान करने और अधिक कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए फिर से खोला जा रहा है।

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