आम बजट की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को संसद में बजट पेश करेंगी। इस बजट से हर सेक्टर को काफी उम्मीदें हैं। घरेलू फार्मास्युटिकल उद्योग चाहता है कि सरकार आगामी बजट में क्षेत्र में शोध एवं विकास (आरएंडडी) को बढ़ावा देने के लिए कॉरपोरेट कर में रियायत दे और एक प्रभावी बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) व्यवस्था स्थापित करने के लिए कदम उठाए। इससे देश में फार्मा उद्योग की वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा। वहीं होटल इंडस्ट्री (आतिथ्य क्षेत्र) की कंपनियां चाहती हैं कि सरकार आगामी आम बजट में होटल क्षेत्र को इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर का दर्जा प्रदान करे, इससे नई संपत्तियों में निवेश अधिक आकर्षक बन सकेगा।
शोध एवं विकास को बढ़ावा मिले
ऑर्गेनाइजेशन ऑफ फार्मास्युटिकल प्रोड्यूसर्स ऑफ इंडिया (ओपीपीआई) के महानिदेशक अनिल मताई बजट को लेकर उद्योग की मांग रखते हुए कहा कि सरकार शोध एवं विकास को बढ़ावा देने के कदम उठाए। इसके लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों को शोध एवं विकास से संबंद्ध प्रोत्साहन दिए जाएं और क्षेत्र को कॉरपोरेट कर में रियायतें प्रदान की जाएं। मताई ने कहा, ‘‘ऊंचे जोखिम की वजह से हमारा सुझाव है कि आयकर कानून, 1961 की धारा 115बीएबी का दायरा ऐसी कंपनियों तक बढ़ाया जाए, जो सिर्फ फार्मा शोध एवं विकास में लगी हैं।
पर्यटन एजेंडा पर जोर दिया जाए
आतिथ्य क्षेत्र की कंपनियां चाहती हैं कि सरकार आगामी बजट में पर्यटन एजेंडा में तेजी लाने पर ध्यान दे क्योंकि यह देश के आतिथ्य क्षेत्र को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में योगदान देने का महत्वपूर्ण ‘इंजन’ और रोजगार सृजन का जरिया बनाने का बड़ा अवसर है। भारतीय होटल संघ (एचएआई) के अध्यक्ष के बी काचरू ने कहा, ‘‘यह क्षेत्र ऊंचे कराधान के बोझ से दबा है। इसके अलावा लाइसेंस, मंजूरी और अनुपालन की प्रक्रिया भी काफी महंगी बैठती है। होटल के परिचालन की लागत काफी ऊंची है।’’ उन्होंने कहा कि इन वजहों से होटल में निवेश जोखिम भरा हो जाता है। काचरू ने कहा कि निवेश की बेहतर दर के साथ होटल निवेश को और अधिक आकर्षक बनाने और कारोबार सुगमता को बढ़ावा देने की जरूरत है।
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