उद्योग जगत ने गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बजट में आम लोगों पर कर बोझ को कम करने, पूंजीगत व्यय जारी रखने और खाद्य वस्तुओं की महंगाई को काबू में लाने के लिए उपाय करने का आग्रह किया। सीतारमण के साथ बजट से पहले परामर्श बैठक में उद्योग प्रमुखों और संगठनों ने सरकार से आर्थिक वृद्धि की गति बनाये रखने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित करने का भी आग्रह किया।
एमएसएमई के बढ़ावा देने पर जोर
उद्योग जगत ने भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ और रोजगार के लिहाज से महत्वपूर्ण माने जाने वाले एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम) क्षेत्र को बढ़ावा देने की भी बात कही। उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ के अध्यक्ष संजीव पुरी ने आय स्लैब के निचले स्तर पर आयकर के मोर्चे पर राहत, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) जैसी रोजगार प्रोत्साहन योजनाओं को दुरुस्त करने और कारोबार सुगमता को बढ़ावा देने का सुझाव दिया। साथ ही कृषि और ग्रामीण विकास के लिए भी अपने सुझाव दिए। उद्योग मंडल फिक्की ने पूंजीगत व्यय की गति बरकरार रखने, नवोन्मेष और कर सरलीकरण जैसे सुझाव दिये।
जुलाई में पेश होगा पूर्ण बजट
फिक्की के पूर्व अध्यक्ष शुभ्रकांत पांडा ने मांग में तेजी लाने, बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर देने, खाद्य मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए और उपाय करने, एमएसएमई का समर्थन करने और देश में नवोन्मेष और अनुसंधान एवं विकास को प्राथमिकता देकर विकास की गति को समर्थन जारी रखने की आवश्यकता बतायी। बंगाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की राष्ट्रीय राजकोषीय मामलों और कराधान समिति के अध्यक्ष विवेक जालान ने इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के आयात के लिए लाइसेंसिंग जरूरतों को आसान बनाने का सुझाव दिया। वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट अगले महीने संसद में पेश किये जाने की उम्मीद है।
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