भारत सहित दुनिया के कई देशों में क्रिप्टो और डिजिटल करेंसी का चलन बढ़ रहा हैं। लोग इसमें निवेश कर लाखों रुपये कमा भी रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ छोटे निवेशक इस पर भारी टैक्स लगने के कारण परेशान हो गए थे। केंद्रीय बजट 2023 पेश होने से पहले कई क्रिप्टो होल्डर्स टैक्स में राहत मिलने की आस लगाकर बैठे थे। इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण क्रिप्टो करेंसी को लेकर कई घोषणाएं कर चुकी थी। अभी तक देश में क्रिप्टो को लीगल टेंडर नहीं माना गया है।
क्रिप्टो होल्डर्स पर इस तरह पड़ सकता है असर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा इस बार क्रिप्टोकरंसी को लेकर किसी भी तरह की घोषणाएं नहीं की गई है। पिछली बार बजट के दौरान दी गई जानकारी के अनुसार क्रिप्टोकरंसी के द्वारा होने वाले मुनाफे पर 30% तक टैक्स है। वहीं दूसरी तरफ इसे किसी और अकाउंट में ट्रांसफर करते समय टीडीएस के रूप में 1 % टैक्स देने होंगे। क्रिप्टो होल्डर्स इन्हीं टैक्स में छूट मिलने की उम्मीद लगा कर बैठे थे। कुछ लोग इस टैक्स की बचत करने के लिए अलग अलग तरीका अपनाते हैं।
क्रिप्टो में निवेश करने से पहले जान लें यह बातें
अगर आप भी क्रिप्टोकरंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं तो कुछ बातों के ऊपर ध्यान देना जरूरी है। भारत में क्रिप्टोकरंसी को अभी तक पूरी तरह से लीगल नहीं माना गया है। सरकार इसे रेगुलेट करने के लिए 1% टीडीएस लेती है। इसके अलावा सरकार की ओर से इस बात की भी गारंटी नहीं दी गई है कि इसे कब बैन किया जाना है। इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर सरकार इसे कभी भी बैन कर सकती है। हालांकि इसे रेगुलेट करने पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है।
2022 में टीडीएस से 60.46 करोड़ रुपये की हुई कमाई
सरकार भले ही क्रिप्टोकरंसी के ऊपर 30 फीसदी टैक्स लेती हो, लेनिक इसका कारोबार बढ़ता ही जा रहा है। Ycharts और नैस्डैक के द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार बीते वर्ष यानी 2022 में क्रिप्टोकरंसी में निवेशकों की संख्या लगभग 338 % तक बढ़ी है। 2022 में ही टीडीएस के जरिए सरकार को क्रिप्टोकरंसी पर 60.46 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार क्रिप्टो में निवेशकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आगे चल कर इसे और भी ज्यादा बढ़ने का अनुमान है।
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