वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने आज वर्ष 2022-2023 का केंद्रीय आम बजट पेश किया। बजट में जहां खेती को उन्नत बनाने पर भी जोर दिया गया, वहीं क्रिप्टोकरेंसी, महंगाई व बेरोजगारी पर लगाम कसने के लिए भी उपाय किए गए। हालांकि मध्यमवर्ग की उम्मीद के विपरीत आयकर की स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया।
वरिष्ठ अर्थशास्त्री डॉक्टर जयंतीलाल भंडारी बताते हैं कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने कोरोनाकाल में वित्तीय चुनौतियों के बीच सूझबूझ से भरा बजट पेश किया है। इससे आगामी विकास दर साढ़े आठ प्रतिशत तक रह सकती है, जो निश्चित ही दुनिया की सबसे अधिक विकास दरों में से एक होगी। साथ ही वित्त मंत्री ने बजट में प्रोत्साहन की डोज देते हुए राजकोषीय घाटे को कम करने की बात भी कही है। दरअसल, राजकोषीय घाटे का संबंध महंगाई से होता है। यदि राजकोषीय घाटा कम हो तो महंगाई भी कम होती है और अगर राजकोषीय घाटा बढ़ता है तो वित्तीय अनिश्चितता भी बढ़ती है। भंडारी ने कहा कि नए बजट में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आवंटन बढ़ाया गया है और स्टार्टअप पर भी खासा ध्यान दिया गया है। वैसे भी स्टार्टअप के मामले में देश का स्थान दुनिया में तीसरे नंबर पर है। डॉक्टर भंडारी ने कहा कि नई पीढी को डिजिटल इंडिया से जोड़ने का कदम भी सराहनीय है। इससे नई पीढ़ी देश ही नहीं बल्कि ग्लोबली रोजगार के लिए स्कील्ड होगी। खास बात यह भी कि चीन से आयात को कम करने के उपाय भी बजट बताए गए हैं। क्योंकि कच्चा माल जो ज्यादातर हम चीन से मंगाते हैं, वह स्वदेश में ही बने इस पर बजट में काफी फोकस किया गया है।
छोटे आयकरदाता निराश
बजट का कमजोर पक्ष यह है कि इस बार भी आयकर की स्लैब नहीं बढ़ाई गई, इससे मध्यमवर्ग यानी छोटे आयकर दाताओं को निराश होना पड़ा है। इस बजट में यह उम्मीद थी कि इस स्लैब को 2.5 लाख से अधिक बढ़ाया जाएगा, लेकिन ऐसा न हो सका।
'बिटकॉइन का तोड़ होगी आरबीआई की डिजिटल करेंसी'
इकोनॉमिस्ट कुशल जैन बताती हैं कि वित्तमंत्री ने घोषणा की कि आरबीआई की अपनी डिजिटल करेंसी होगी। इससे क्रिप्टो करेंसी में बिटकॉइन की मोनोपॉली खत्म होगी। आरबीआई की यह डिजिटल करेंसी ब्लॉक चेन सिस्टम पर आधारित होगी। इससे फायदा यह होगा कि ट्रांजिशन इस तरह होगा कि आरबीआई से छिपा नहीं रह सकेगा और इस डिजिटल कर चोरी पर लगाम कसी जा सकेगी। बिटकॉइन की तोड़ में आरबीआई अपनी डिजिटल करेंसी को ला रहा है। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 योजना के लिए 20,105 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जो निश्चित ही महिलाओं और बच्चों को केंद्र की गंभीरता को दर्शाता है। वहीं डिजिटल बैंकिंग और डिजिटल शिक्षा पर जोर दिया गया है। डिजिटल क्लास रूम शैक्षणिक टीवी चैनलों की संख्या बढ़ाने से गरीब और वंचित वर्ग के छात्रों को बहुत लाभ मिलेगा। के माध्ध्यम से खोले हैं, उनसे फायदा मिलेगा।
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