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Budget 2022:क्रेडाई ने होम लोन पर आयकर छूट सीमा पांच लाख करने की मांग की

क्रेडाई (कॉन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशंस ऑफ इंडिया) ने वित्त मंत्रालय को भेजी बजट अनुशंसा में क्षेत्र के लिए आधारभूत दर्जे तथा किफायती घरों की परिभाषा में बदलाव की भी मांग की है।

<p>क्रेडाई ने होम लोन पर...- India TV Paisa Image Source : PIXABAY क्रेडाई ने होम लोन पर आयकर छूट सीमा पांच लाख करने की मांग की  

Highlights

  • धारा 24(बी) के तहत कर छूट बढ़ाने की मांग क्रेडाई ने की
  • किफायती घरों की परिभाषा में बदलाव की भी मांग की गई
  • एनबीएफसी क्षेत्र के लिए एक पुनर्वित्त व्यवस्था बनाने का सुझाव ऐसोचैम ने दिया

नई दिल्ली। रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन क्रेडाई ने घरों की मांग में तेजी लाने के लिए कई तरह की कर राहत की मांग की है, जिसमें होम लोन के ब्याज में आयकर कटौती की सीमा को वर्तमान की दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करना शामिल है। 

क्रेडाई (कॉन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशंस ऑफ इंडिया) ने वित्त मंत्रालय को भेजी बजट अनुशंसा में क्षेत्र के लिए आधारभूत दर्जे तथा किफायती घरों की परिभाषा में बदलाव की भी मांग की है। क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष हर्षवर्धन पटोडिया ने उम्मीद जताई कि आगामी बजट विभिन्न संशोधनों, छूटों और विस्तारों के जरिए अवसंरचना विकास और आवास क्षेत्र को बढ़ावा देगा जिसकी बेहद आवश्यकता है। पटोदिया ने कहा, हम वित्त मंत्रालय से अनुरोध करते हैं कि धारा 24(बी) के तहत कर छूट के लिए घर खरीदारों के लिए ब्याज में और कटौती की जाए। इससे घर खरीदने संबंधी धारणा मजबूत होगी विशेषकर ऐसे समय जब महामारी की तीसरी लहर का प्रकोप शुरू हो चुका है और वक्त बहुत मुश्किल चल रहा है।

स्सते घर पर अतिरिक्त टैक्स छूट की समयसीमा बढ़े 

अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच सरकार को इस साल बजट में सस्ते घरों पर मिलने वाली 1.50 लाख रुपये की अतिरिक्त टैक्स छूट सीमा को कम से कम एक साल और बढ़ानी चाहिए। इस पहल से पहली बार घर खरीदार को बड़ा लाभ मिलेगा। साथ ही क्योंकि इससे घर खरीदारों को लाभ होने के साथ इससे जुड़े उद्योग को बढ़ावा मिलने से रियल एस्टेट सेक्टर को तेज रफ्तार मिलेगी। उन्होंने कहा कि सस्ती आवास योजना के तहत ब्याज पर अतिरिक्त टैक्स छूट और सब्सिडी केवल उसी व्यक्ति को मिलती है तो पहली दफा घर खरीदता है। साथ ही घर की इसकी कीमत 45 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। 

एनबीएफसी क्षेत्र के लिए स्थायी व्यवस्था बने 

उद्योग मंडल एसोचैम ने आगामी आम बजट में एनबीएफसी क्षेत्र के लिए एक पुनर्वित्त व्यवस्था बनाने और उन्हें प्राथमिकता क्षेत्र के तहत बैंकों से ऋण उपलब्ध कराने का सुझाव दिया है। एसोचैम ने बजट से पहले अपनी सिफारिशों में सरकार से कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए वित्तपोषण सहायता से क्षेत्र में नकदी सुनिश्चित होगी। यह क्षेत्र वित्तीय समावेश और सहूलियत भरी वित्तीय सेवाएं मुहैया कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सरकार एक फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करेगी। उद्योग मंडल ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में एनबीएफसी क्षेत्र ने बाहरी कारकों के चलते तरलता की कमी देखी है। ऐसे में वाजिब कीमत पर धन उधार लेने की उनकी क्षमता प्रभावित हुई है। 

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