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Budget 2022: कंज्यूमर ड्यूरेबल्स इंडस्ट्री ने टैक्स राहत और स्थानीय निर्माताओं के लिए रियायत देने की मांग की

नीय निर्माताओं के लिए आरएंडडी को लेकर रियायतों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। कोविड-19 से आपूर्ति और मांग प्रभावित होने से उद्योग को सरकार से समर्थन की जरूरत है।

<p>Budget 2022</p>- India TV Paisa Image Source : INDIA TV Budget 2022

Highlights

  • निर्माण एवं निर्यात का हब बनाने की दिशा में मजबूत कदम उठाए जाने की उम्मीद
  • कंज्यूमर ड्यूरेबल्स के लिए टैक्स स्लैब तर्कसंगत बनाए जाने की उम्मीद
  • हम सरकार से आयात शुल्क में कमी पर विचार करने की भी अपील करते हैं

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगी। इस बजट से आम आदमी  से लेकर इंडस्ट्री की उम्मीदें जुड़ी हुई हैं। हर कोई कोरोना संकट के बीच राहत की उम्मीद लगा रहा है। इसी क्रम में कंज्यूमर और टेक इंडस्ट्री ने वित्त मंत्री से टैक्स राहत समेत कई रियायतें देने की मांग की है। आइए जानते हैं कि कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और टेक इंडस्ट्री की बजट से क्या है मांगे?

कंज्यूमर टेक कंपनी यूबॉन के प्रबंध निदेशक मंदीप अरोड़ा ने बताया कि इस साल बजट में, केंद्र सरकार द्वारा भारत को इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों के निर्माण एवं निर्यात का हब बनाने की दिशा में मजबूत कदम उठाए जाने की उम्मीद संभावना है। हम कंज्यूमर इलेक्ट्राॅनिक उत्पाद निर्यात प्रोत्साहन और जीएसटी की दर में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। मेरा मानना है कि बजट में मूल्य वृद्धि पर ज्यादा जोर दिए जाने की जरूरत है, जिसमें कंज्यूमर इलेक्ट्राॅनिक्स और कलपुर्जा निर्माण के लिए विशेष प्रोत्साहन और रियायतें शामिल हैं। 

वहीं, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स कंपनी कैंडेस के सह-संस्थापक विपिन अग्रवाल ने बताया कि आम बजट में हमें सरकार से कंज्यूमर ड्यूरेबल्स के लिए टैक्स स्लैब तर्कसंगत बनाए जाने की उम्मीद है। साथ ही, स्थानीय निर्माताओं के लिए आरएंडडी को लेकर रियायतों को भी बढ़ावा दिया जाना चाहिए। कोविड-19 से आपूर्ति और मांग प्रभावित होने से उद्योग को सरकार से समर्थन की जरूरत है। 

कंज्यूमर टेक कंपनी विंगाजाॅय के सह—संस्थापक ललित अरोड़ा ने कहा कि साल 2021 महामारी की चुनौती की वजह से चुनौतीपूर्ण था। इसलिए, आगामी बजट से उम्मीद है कि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसी पहलों को मजबूत बनाने के लिए प्रावधान होंगे। आगामी बजट में, हमें उम्मीद है कि सरकार अपना समर्थन बरकरार रखेगी। इसके अलावा, उद्योगों के लिए मददगार कई अन्य पहलों भी फिर शुरू किए जाने की उम्मीद है। 

बीएसएच होम अप्लायंसेज के एमडी और सीईओ, नीरज बहल के अनुसार, अर्थव्यवस्था ने पिछले एक साल से बढ़ती इनपुट लागत और आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान से प्रभावित है। इन दबावों को स्वीकार करते हुए, हमें उम्मीद है कि बजट में सरकार मूल्य वृद्धि के मुद्दों को हल करने के लिए जीएसटी को कम करेगी। हम सरकार से आयात शुल्क में कमी पर विचार करने की भी अपील करते हैं, क्योंकि उच्च शुल्क दरें उपभोक्ता टिकाऊ श्रेणी की विकास क्षमता को प्रभावित कर रही हैं। हम पीएलआई योजना के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना करते हैं, जिसने हम जैसी कंपनियों को 'मेक इन इंडिया' के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए प्रोत्साहन दिया है। 

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