Budget 2022 : वित्त मंत्री के आम बजट से आम लोगों को टैक्स को लेकर बड़ी राहत की उम्मीद थी, लेकिन जैसे जैसे वित्तमंत्री भाषण पढ़ती गईं। आम लोगों की उम्मीदें पानी में मिलती गईं। वित्त मंत्री ने टैक्स को लेकर किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया है। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि टैक्स पेयर को कुछ मिला ही न हो। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार आयकर रिटर्न (आईटीआर) में भूल-चूक सुधारने को लेकर एकबारगी मोहलत देगी।
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए संसद में बजट पेश करते हुए कहा कि अद्यतन रिटर्न दो साल के भीतर दाखिल करना होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने इसके अलावा सहकारी समितियों के लिए न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) को घटाकर कॉरपोरेट कर के बराबर यानी 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है।
नहीं बदले टैक्स स्लैब
बजट में वित्त मंत्री ने आयकर से जुड़े प्रावधानों की घोषणा की है। सरकार ने टैक्स पेयर्स के लिए टैक्स से जुड़ी कोई रियायत नहीं दी है। हालांकि कुछ खास सेगमेंट को जरूर लाभ पहुंचाया है। इसके अलावा कोविड महामारी के बीच मानक कटौती (स्टैंडर्ड डिडक्शन) की सीमा में बढ़ोतरी की मध्यम वर्ग की उम्मीदें भी बजट में पूरी नहीं हुई हैं। फिलहाल मानक कटौती की सीमा 50,000 रुपये है।
दिव्यांग के अभिभावकों को टैक्स लाभ
बजट में घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने बताया कि अब दिव्यांग बच्चों के माता-पिता को टैक्स में छूट दी जाएगी। इसके अलावा राज्य सरकार के कर्मचारियों को पेंशन में टैक्स में छूट का दायरा बढ़ा दिया गया है। अब राज्य सरकार के कर्मचारी भी NPS में अब 14% कर सकेंगे योगदान। अभी तक यह लिमिट 10 प्रतिशत की थी। इसके अलावा को-ऑपरेटिव सोसाइटी के लिए 18 प्रतिशत की टैक्स दर को घटाकर 15 प्रतिशत करने का ऐलान किया गया। साथ ही सरचार्ज को 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि इनकम बेस को भी 1 करोड़ की जगह 10 करोड़ किया गया है। अन्य घोषणाओं की बात करें तो सरकार ने स्टार्टअप को मार्च 2023 तक टैक्स इन्सेन्टिव देने की भी घोषणा की है।
जानिए क्या कहते हैं निवेशक
आयकर विशेषज्ञ सत्येंद्र जैन ने कहा, ‘‘महामारी के बीच आम आदमी उम्मीद कर रहा था कि वित्त मंत्री मानक कटौती की सीमा एक लाख रुपये तक करेंगी, जिससे महामारी के बीच उनके हाथ में नकदी बढ़ेगी।’’ उन्होंने कहा कि अभी इस तरह का कोई कदम मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत प्रदान करने वाला रहता। जैन ने कहा कि इसके अलावा गृह संपत्ति से ब्याज की कटौती दो लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये किए जाने की उम्मीद भी थी। लेकिन इस मोर्चे पर भी कोई राहत नहीं दी गई है। नया घर खरीदने पर आवास ऋण के दो लाख रुपये तक के ब्याज को करदाता की अन्य आय से घटाया जाता है, जिससे उसका कर दायित्व कम होता है। इसे गृह संपत्ति पर ब्याज कटौती कहा जाता है। बजट में व्यक्तिगत आयकर श्रेणी में स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है। साथ ही कॉरपोरेट कर की दरों को भी यथावत रखा गया है। हालांकि, नवगठित विनिर्माण इकाइयों के लिए 15 प्रतिशत की रियायती कर दर को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है।
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