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Hindi News पैसा बिज़नेस जिस भारत को कभी अपने पैरों के नीचे रखा, उसकी तरक्की देख आज साथ आना चाहता है ब्रिटेन

जिस भारत को कभी अपने पैरों के नीचे रखा, उसकी तरक्की देख आज साथ आना चाहता है ब्रिटेन

Largest Market in World: आज के समय में ब्रिटेन भारत के साथ अपने व्यापारिक रिश्ते को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।

Britain business with India- India TV Paisa Image Source : FILE Britain business with India

Britain business with India: भारत आज के समय में दुनिया के उन चुनिंदा देशों की लिस्ट में है, जहां विश्व की हर कंपनियां निवेश करना चाहती है। देश के पास दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है। यहां की सरकार नए निवेशकों के लिए आसान मौके तैयार कर रही है। अब इस मौके का फायदा उठाकर ब्रिटेन भारत के साथ अपने व्यापारिक रिश्तें को मजबूत करना चाहता है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के करीबी सहयोगियों में से एक और पूर्व उप प्रधानमंत्री डोमिनिक राब ने शनिवार को सरकार से भारत के साथ घनिष्ठ साझेदारी का पूरा लाभ उठाने के लिए कहा। आम चुनाव में राब सुनक के अभियान के अगुआ थे और सरकार बनने के बाद उनके विदेश सचिव के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं। हालांकि, बाद में राब को इन आरोपों के बीच इस्तीफा देना पड़ा था कि वह ब्रिटिश सरकार के विभिन्न विभागों में काम करते हुए कर्मचारियों पर धौंस दिखाते थे। राब ने ‘द डेली टेलीग्राफ’ में लिखा कि ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री के होते हुए भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों में और भी बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है। 

पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था 

उन्होंने इस सप्ताह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा में भारत की ‘टेक्नोलॉजी में विशेष बढ़त’ की ओर इशारा किया। इस दौरे पर कई बड़े सौदे हुए थे। राब ने सवाल किया कि ब्रिटेन के भारत से ऐतिहासिक संबंधों और ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री के होते हुए, क्या हम इस महत्वपूर्ण रिश्ते का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए पर्याप्त काम कर रहे हैं? कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद ने इसका जवाब देते हुए लिखा कि ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री के तौर पर ब्रिटेन भारत के साथ गहरी दोस्ती का लाभ उठाने के लिए विशिष्ट रूप से तैयार है। ऐसा करने के लिए हमें पूरी सरकार को सक्रिय करना होगा। दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के तौर पर भारत यूरोजोन (27 देशों के समूह) को पीछे छोड़कर व्यापार और निवेश के अधिक बड़े अवसर दे सकता है। 

उन्होंने कहा कि भारत सैन्य उपकरणों का दुनिया का सबसे बड़ा आयातक है। मोदी संयुक्त उद्यमों पर जोर दे रहे हैं, ताकि घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण संभव हो सके। पश्चिम के लिए, यह भारत को रूसी हथियारों के आयात से दूर करने का एक अवसर है। भारत का आर्थिक उत्थान और भू-राजनीतिक प्रमुखता इसे विशेष रूप से चीन के विकल्प के रूप में मुख्य भागीदार बनाती है।

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