Britain में JOB मिलना हुआ आसान, India-UK की सरकारों के बीच बनी अहम सहमति
Britain jobs: समझौते से दोनों देशों के हजारों युवाओं को लाभ होने की उम्मीद है। यह कदम द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की उनकी 10 वर्षीय रूपरेखा का एक हिस्सा है।
Britain में भारतीयों छात्रों को जाॅब मिलना आसान हो गया है। दरअसल, भारत सरकार और ब्रिटेन के बीच डिग्री को लेकर हुए अहम सहमति बनी है। इस समझौत के तहत भारत में स्नातक, मास्टर डिग्री और डॉक्टरेट पाठ्यक्रमों के भारतीय छात्रों की डिग्रियों को अब ब्रिटेन के छात्रों के समान माना जाएगा। इस फैसले के बाद भारतीय छात्रों को ब्रिटेन में इस योग्यत वाली नौकरियों के लिए योग्य बनाएगा।
दोनों देशों को होगा फायदा
दोनों पक्षों ने गुरुवार को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसके अनुसार इंडियन सीनियर सेकेंडरी स्कूल, प्री-यूनिवर्सिटी सर्टिफिकेट को ब्रिटेन के उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए उपयुक्त माना जाएगा। इसी तरह भारत और ब्रिटेन की बैचलर्स डिग्री, मास्टर्स डिग्री और डॉक्टरेट की डिग्री को भी एक दूसरे के समकक्ष माना जाएगा। हालांकि, Doctor, इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर और फार्मेसी से संबंधित डिग्री को समझौता ज्ञापन के दायरे से बाहर रखा गया है। वाणिज्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि नई दिल्ली मुक्त व्यापार समझौते में उनकी मान्यता के लिए बातचीत करेगी, जिसके लिए बातचीत अगस्त तक समाप्त होने की संभावना है। इसके साथ ही 31 और समझौते पर दिवाली तक हस्ताक्षर किए जाएंगे।
भारत में भी मान्य होगी ब्रिटेन की डिग्री
समझौते के तहत अब से ब्रिटेन की डिग्री को भारतीय डिग्री के समकक्ष माना जाएगा। वहां डिग्री वाले छात्र भी भारत में रोजगार के लिए पात्र होंगे। सुब्रह्मण्यम ने संवाददाताओं से कहा, भारत में बैचलर और मास्टर्स ऑफ आर्ट्स (बीए, एमए) और विज्ञान (बीएससी, एमएससी) में डिग्री को ब्रिटेन में समान व्यवहार किया जाएगा। समझौता ज्ञापन में ऑनलाइन पाठ्यक्रमों से प्राप्त डिग्री भी शामिल है। समझौता ज्ञापन दोनों देशों में विधिवत अनुमोदित और मान्यता प्राप्त उच्च शिक्षा संस्थानों के भीतर छात्रों द्वारा किए गए शैक्षिक योग्यता और अध्ययन की अवधि की पारस्परिक मान्यता प्रदान करता है।
दोनों देशों के हजारों युवाओं को लाभ होगा
समझौते से दोनों देशों के हजारों युवाओं को लाभ होने की उम्मीद है। यह कदम द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की उनकी 10 वर्षीय रूपरेखा का एक हिस्सा है। यूनिवर्सिटी यूके इंटरनेशनल (यूयूकेआई) की मुख्य कार्यकारी विविनी स्टर्न ने कहा, ‘यह एक ऐतिहासिक समझौता है, जिसकी रूपरेखा कई वर्षों से तैयार की जा रही थी। छात्रों की योग्यताओं को दोनों देशों द्वारा मान्यता दी जाएगी, जिससे छात्रों के लिए बेहतर शिक्षा प्राप्त करना और नौकरी पाना आसान होगा। यूयूकेआई, ब्रिटेन के 140 से अधिक विश्वविद्यालयों का प्रतिनिधित्व करता है।