BPCL करेगी इतने लाख करोड़ का निवेश, इन सेक्टर में मारेगी एंट्री, जानें स्टॉक पर क्या होगा असर?
कंपनी की मुख्य कारोबार में निवेश को लेकर रणनीति देश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था से ऊर्जा और पेट्रोलियम उत्पादों की खपत में चार से पांच प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के अनुमान पर आधारित है। साथ ही, प्रमुख पेट्रोरसायन उत्पादों की मांग सालाना आधार पर सात से आठ प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
सरकारी कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) के चेयरमैन जी कृष्ण कुमार ने कहा है कि कंपनी की अगले पांच साल में 1.7 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना है। कंपनी यह निवेश अपने मुख्य कारोबार तेल शोधन और ईंधन विपणन को बढ़ाने के साथ-साथ पेट्रोरसायन तथा हरित ऊर्जा जैसे नये क्षेत्रों में करेगी। बीपीसीएल के पास वर्तमान में देश की कुल तेल शोधन क्षमता का लगभग 14 प्रतिशत और ईंधन खुदरा नेटवर्क का लगभग एक चौथाई हिस्सा है। कंपनी नये क्षेत्रों में दस्तक देने के साथ अपने मुख्य कारोबार को बढ़ाने की योजना बना रही है। मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि जिस तेजी से बीपीसीएल अपना करोबार को विस्तार देना चाहती है, वह अच्छी खबर है। इससे कंपनी को अपनी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसका असर कंपनी के स्टॉक पर देखने को मिलेगा। लंबी अवधि में स्टॉक अच्छा रिटर्न दे सकता है।
‘प्रोजेक्ट एस्पायर’ को लागू कर रही
कंपनी के चेयरमैन ने सालाना रिपोर्ट में कहा है कि बीपीसीएल अब ‘प्रोजेक्ट एस्पायर’ के रूप में कई दशक की आकांक्षी यात्रा के पहले चरण को लागू कर रही है। इसका पांच साल का रणनीतिक ढांचा दो मूलभूत स्तंभों पर आधारित है। इसमें मुख्य कारोबार को बढ़ावा और दूसरा भविष्य की परियोजनाओं में निवेश है। कृष्ण कुमार ने कहा, ‘‘हमारी मध्यम अवधि की रणनीति जारी है। इसके तहत एक एक तरफ जहां हम अपने मुख्य कारोबार पेट्रोलियम उत्पादों की रिफाइनिंग और विपणन तथा खोज और उत्पादन गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ पेट्रोरसायन, गैस, हरित ऊर्जा, गैर-ईंधन खुदरा और डिजिटल जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर समान रूप से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’’
5 साल में लगभग 1.70 लाख करोड़ का निवेश
उन्होंने कहा, ‘‘प्रोजेक्ट एस्पायर के तहत पांच साल में लगभग 1.70 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय किया जाएगा। यह निवेश हमें आने वाली पीढ़ी के लिए वातावरण को संरक्षित रखते हुए हमसे जुड़े विभिन्न पक्षों के लिए दीर्घकालिक मूल्य सृजित करने में मदद करेगा।’’ कंपनी ने 2040 तक अपने परिचालन से शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है।। चेयरमैन ने कहा, ‘‘बीपीसीएल ने शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिए खाका तैयार किया है। इसमें नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, कॉम्प्रेस्ड बायोगैस, कार्बन कैप्चर, उपयोग और भंडारण (सीसीयूएस), दक्षता में सुधार आदि शामिल हैं। इसके लिए 2040 तक चरणबद्ध तरीके से लगभग एक लाख रुपये के पूंजी व्यय की आवश्यकता होगी और कंपनी इसके लिए कमर कस ली है।’’
रिफाइनिंग क्षमता को विस्तार करने की तैयारी
कंपनी की मुख्य कारोबार में निवेश को लेकर रणनीति देश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था से ऊर्जा और पेट्रोलियम उत्पादों की खपत में चार से पांच प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के अनुमान पर आधारित है। साथ ही, प्रमुख पेट्रोरसायन उत्पादों की मांग सालाना आधार पर सात से आठ प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘यह एकीकृत पेट्रोरसायन परिसरों के विकास के साथ-साथ रिफाइनिंग क्षमता का विस्तार करने का एक रणनीतिक अवसर है।’’ बीपीसीएल अपनी तीन तेल रिफाइनरियों में से दो में नई पेट्रोरसायन परियोजनाएं लागू कर रही है। मध्य प्रदेश में बीना रिफाइनरी में 49,000 करोड़ रुपये के निवेश से एथिलीन क्रैकर परियोजना क्रियान्वित की जा रही है। साथ ही 2029 तक तेल शोधन क्षमता को मौजूदा 78 लाख टन से बढ़ाकर 1.1 करोड़ टन सालाना किया जा रहा है। इसके अलावा, केरल में कोच्चि रिफाइनरी में एक पॉलीप्रोपिलीन परियोजना स्थापित की जा रही है। इसके 2027 तक चालू होने की उम्मीद है।’’