वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) से लिफ्ट, एयर फिल्टर या चिकित्सा उपकरण के मामले में जहां भी संभव हो देश के मानकों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि नौ साल पहले, पीएम मोदी ने जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट का विजन दिया था जिसका मतलब है कि भारत को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाने चाहिए जो टिकाऊ, पर्यावरण के अनुकूल हों और जिनका जलवायु पर कोई प्रभाव न हो।
लेबोरेटरीज का विशाल नेटवर्क बनाया गया
मंत्री ने बीआईएस के 77वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हितधारकों के साथ विचार-विमर्श में वृद्धि और उद्योग प्रतिनिधियों को शामिल करके इसे हासिल किया जा सकता है। बीआईएस और उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने संयुक्त रूप से स्थापना दिवस के अवसर पर 'भारत में गुणवत्ता पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए संवाद' का आयोजन किया। मंत्री ने कहा कि बीआईएस और उद्योग द्वारा परीक्षण की सुविधा के लिए आधुनिक प्रयोगशालाओं का एक व्यापक नेटवर्क स्थापित किया गया है। बीआईएस ने हाल ही में कपास परीक्षण के लिए 21 प्रयोगशालाएं स्थापित करने के लिए 40 करोड़ रुपये का निवेश करने पर सहमति व्यक्त की है।
बीआईएस के पास पर्याप्त धन
उन्होंने उद्योग जगत से उन क्षेत्रों के साथ आगे आने का आह्वान किया जिनके लिए परीक्षण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बीआईएस के पास पर्याप्त धन है। उन्होंने संगठन से बेहतर वितरण के लिए एक पारदर्शी पारिस्थितिकी तंत्र और उच्च निगरानी सुनिश्चित करने को कहा। गोयल ने आभूषणों की हॉलमार्किंग में बीआईएस के प्रयासों की सराहना की और बताया कि अनिवार्य हॉलमार्किंग में 343 जिले शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हर दिन 4.3 लाख से अधिक आभूषण हॉलमार्क किये जाते हैं और लोग जो आभूषण खरीद रहे हैं उनमें से 90 प्रतिशत हॉलमार्क वाले हैं। मंत्री ने कहा कि 2014 तक 106 उत्पादों के केवल 14 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) थे लेकिन अब 672 उत्पादों के 156 क्यूसीओ हैं।
इनपुट: आईएएनएस
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