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Hindi News पैसा बिज़नेस नोएडा-ग्रेटर नोएडा में फ्लैट्स की रजिस्ट्री खुलने से कीमतों में बड़ा उछाल, इतने बढ़े दाम

नोएडा-ग्रेटर नोएडा में फ्लैट्स की रजिस्ट्री खुलने से कीमतों में बड़ा उछाल, इतने बढ़े दाम

वर्षों से फ्लैट्स में रहने वाले रजिस्ट्री होने से मालिकाना हक की कीमत और महत्व को अच्छे से समझते है और वो मानते है कि रजिस्ट्री होने वे अब अपने प्रॉपर्टी को सेल कर सकेंगे जो पहले संभव नही था।

Flats- India TV Paisa Image Source : FILE फ्लैट्स

नोएडा-ग्रेटर नोएडा में फ्लैट्स की रजिस्ट्री खुलने से एक ओर जहां घर खरीदारों में खुशी का माहौल है। वहीं दूसरी ओर नए खरीदारों को झटका भी लगा है। दरअसल, फ्लैट की रजिस्ट्री खुलने से कीमत में बड़ा उछाल आ गया है। इसके चलते बहुत सारे खरीदार अब चाहकर भी अपना फ्लैट नहीं खरीद पा रहे हैं। प्रॉपर्टी के जानकार यह मानते है कि प्रॉपर्टी की कीमत उनकी रुकी हुई रजिस्ट्री के खुलते ही अलग राह पर चल पड़ी है। एक बिल्डर रजिस्ट्री वाले फ्लैट्स की कीमत में पहले से औसतन 30-40% की वृद्धि करके बेच रहा है क्योंकि ऐसे यूनिटस अब लगभग गिने-चुने बचे है। घर खरीदार भी भविष्य में परेशानी से बचने के लिए केवल रजिस्ट्री वाले फ्लैट्स ही लेना चाहते है। चाहे नोएडा हो या ग्रेटर नोएडा या ग्रेटर नोएडा वेस्ट, कुछ सेक्टरों में प्रॉपर्टी के रेट केवल 1 साल के अंदर लगभग 2 से 3 गुने तक महंगे हो चुके हैं। 

अथॉरिटी की पहल से रास्ता निकला 

क्रेडाई वेस्टर्न यूपी के सचिव दिनेश गुप्ता के अनुसार अथॉरिटी द्वारा अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने से लगभग 95% समस्याओं का समाधान हुआ है। लगभग 90% बिल्डरों ने 25% धनराशि जमा कर दी है और चरणबद्ध रूप में रजिस्ट्रियां कराई जा रही है जो कि रियल्टी सेक्टर के लिए बूस्टर का काम करेगा। प्रॉपर्टी मार्केट पूरी तरीके से डिमांड-सप्लाइ की एक चेन की तरह चलता है। घर खरीदार भी अब पहले से ज्यादा जागरूक है और पाजेशन सहित रजिस्ट्री वाले घरों को प्राथमिकता दे रहे है। इसलिए रजिस्ट्री वाली प्रॉपर्टी की मांग बढ़ रही है। इसका असर कीमत पर भी देखने को मिल रहा है। कीमत तेजी से बढ़ रही है। 

नोएडा में 12,000 फ्लैट की रजिस्ट्री होगी

गौरतलब है कि अमिताभ कान्त कमेटी की सिफारिशें मानने के बाद से गौतमबुद्ध नगर में प्रोमोटर्स की अलग-अलग परियोजनाओं में नोएडा में 12,000 रजिस्ट्री का रास्ता खुला है जिसमें 1200 रजिस्ट्री हो चुकी हैं। वहीं अगर ग्रेटर नोएडा की बात करे तो 50,000 से ज्यादा रजिस्ट्रियां की परमिशन अथॉरिटी ने दी है जिसने 14,000 के करीब रजिस्ट्रियां शुरू कीं कराई जा चुकी है। रेडी टू मूव के साथ अब रजिस्ट्री वाले घर नया बेंचमार्क बन चुके है जो निवेश को सुरक्षित बनाता है। 

4 जून के बाद और तेजी आएगी

अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव ने कहा कि अगर 4 जून को एक बार फिर केंद्र में मजबूत सरकार बनती है तो प्रॉपर्टी मार्केट में और अच्छी तेजी देखने को मिलेगी। ऐसा इसलिए कि मजबूत सरकार होने से नीतियों में बड़ा बदलाव नहीं आएगा, इंफास्ट्रक्चर पर खर्च में कटौती नहीं होगी। इससे अर्थव्यवस्था में मजबूती बढ़ेगी जिससे नौकरियों के अवसर सृजित होंगे। यह नौकरी करने वालों में विश्वास बढ़ाएगा। ओवरऑल सेनेरियो बेहतर होने का फायदा प्रॉपर्टी बाजार को मिलेगा। ऐसे में मेरा मनना है कि 4 जून के बाद प्रॉपर्टी बाजार की रफ्तार और तेजी होगी। 

बेहतर जीवनशैली की तलाश में बायर्स 

आरजी ग्रुप के निदेशक हिमांशु गर्ग के अनुसार, "ग्राहक सिर्फ एक अच्छे अपार्टमेंट की नहीं, बल्कि एक जीवनशैली की भी तलाश रहे हैं। जो ग्राहक पहले इनडोर गेम्स और स्विमिंग पूल, क्लब आदि जैसी सुविधाओं के बारे में पूछताछ करते थे, वही अब भव्य प्रवेश द्वारों, एक शानदार व सुविधाओं वाले क्लब हाउस, बढ़िया लैंडस्केपिंग, गेमिंग, स्पोर्ट्स और मनोरंजन क्षेत्र और यहां तक कि आने वाले मेहमानों के लिए आंतरिक सुविधाओं आदि के बारे में सवाल कर रहे हैं। इन सुविधाओं पर ग्राहकों द्वारा खर्च करने की प्रवृत्ति के कारण हमने नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में शेष भूखंडों पर प्रीमियम सेगमेंट के यूनिटस का निर्माण करना तय किया है।"

रेडी टू मूव प्रॉपर्टी पहली पसंद 

केडब्ल्यू ग्रुप के निदेशक पंकज कुमार जैन का कहना है कि किसी भी बिल्डर के लिए एक साथ पूरे भूखंड को विकसित करना आसान नही होता है। ऐसे में बिल्डर परियोजनाओं को चरणबद्ध तरीके से विकसित करने लगे हैं जिससे समय पर डिलीवरी दी जा सके। समस्त एनसीआर में इस समय खरीदार रेडी टू मूव प्रॉपर्टी को पसंद कर रहे हैं और निर्माणाधीन प्रॉपर्टी में बिल्डर का प्रोफ़ाइल अच्छे से देख कर निवेश कर रहे हैं। सेक्टर के जानकारों का मानना है कि रियल एस्टेट मार्केट की इस तेजी का लाभ ऐसे ग्रुप भी उठायेंगे जो पहले से ऐसे मौके की तैयारी में थे। ऐसे में घर खरीदारों के लिए ज्यादा इन्तजार उनकी जेब पर भारी पड़ सकता है।

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