गन्ना किसानों को बड़ा तोहफा, सरकार ने बढ़ा दी खरीद कीमत, जानिए नए दाम
Farmers' protest : सरकार ने गन्ना किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को गन्ना खरीद की कीमत में 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने को मंजूरी दी है।
किसान आंदोलन के बीच सरकार ने गन्ना किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को गन्ना खरीद की कीमत में 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने को मंजूरी दी है। कैबिनेट के फैसलों के बारे में बताते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "चीनी मिलों द्वारा किसानों को गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए आगामी गन्ना सीजन के लिए 1 अक्टूबर 2024 से 30 सितंबर 2025 की अवधि में मूल्य निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है... वर्ष 2024-25 के लिए मूल्य 340 रुपये प्रति क्विंटल तय करने का निर्णय लिया गया है, जो पिछले वर्ष 315 रुपये था, जो इस वर्ष बढ़कर 340 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है..." ठाकुर ने कहा कि केंद्र ने अंतरिक्ष में एफडीआई को भी मंजूरी दी है।
25 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया दाम
इस तरह केंद्रीय कैबिनेट ने आज गन्ना खरीद की कीमत में 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। पुरानी कीमत 315 रुपये प्रति क्विंटल थी। इसे बढ़ाकर 340 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने बीते 10 वर्षों से किसान कल्याण के लिए कई सारे काम किये हैं। उन्होंने कहा, 'साल 2014 से पहले किसानों को खाद के लिए भी सड़कों पर उतरना पड़ता था। उस समय गन्ने की कीमत सही नहीं मिलती थी। लेकिन मोदी सरकार ने इस दिशा में बेहतरीन काम किया है।
कितना मिला किसानों को पैसा
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि साल 2019-20 में गन्ना किसानों को 75,854 करोड़ रुपये मिला है। साल 2020-21 में 93,011 करोड़ रुपये मिला है। साल 2021-22 में गन्ना किसानों को 1.28 लाख करोड़ रुपये मिले हैं। वहीं, साल 2022-23 में 1.95 लाख करोड़ रुपये मिले हैं। यह रकम सीधे किसानों के खातों में भेजी गई।
राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत उप-योजना
कैबिनेट का दूसरा बड़ा फैसला पशुधन मिशन के तहत सबस्कीम शुरू करना है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "दूसरा निर्णय है कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत एक उप-योजना जो पशुपालन और डेयरी मंत्रालय से जुड़ा है...इसमें एक बड़ा बदलाव लाने के लिए, हमारे भारवाही पशु जैसे ऊंट, घोड़ा, गधा, खच्चर की संख्या घट रही हैं। इसलिए पशुधन और मुर्गीपालन के उ्त्पादन में सुधार लाने के लिए राष्ट्रीय पशुधन मिशन चलाया जा रहा है..."