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Hindi News पैसा बिज़नेस थोक महंगाई दर में बड़ी गिरावट, जानें 3.36% से गिरकर कहां पहुंची मुद्रास्फीति

थोक महंगाई दर में बड़ी गिरावट, जानें 3.36% से गिरकर कहां पहुंची मुद्रास्फीति

जुलाई में होलसेल प्राइस इंडेक्स में दर्ज की गई गिरावट इस महीने के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों के अनुरूप रही। इस हफ्ते की शुरुआत में जारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति 5 साल के निचले स्तर 3.54 प्रतिशत पर आ गई।

थोक मुद्रास्फीति में बड़ी गिरावट- India TV Paisa Image Source : REUTERS थोक मुद्रास्फीति में बड़ी गिरावट

देश की थोक मुद्रास्फीति यानी महंगाई दर जुलाई में घटकर 2.04 प्रतिशत हो गई। थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर जून 2024 में 3.36 प्रतिशत थी। उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, ''डब्ल्यूपीआई पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर जुलाई 2024 में 2.04 प्रतिशत रही, जबकि जून 2024 में ये 3.36 प्रतिशत थी।''

जुलाई 2024 में 3.08 प्रतिशत रही प्राथमिक उत्पादों की मुद्रास्फीति 

होलसेल प्राइस इंडेक्स के प्राथमिक उत्पादों की मुद्रास्फीति की वार्षिक दर जुलाई 2024 में 3.08 प्रतिशत रही, जबकि जून 2024 में ये 8.80 प्रतिशत थी। फ्यूल और बिजली की मुद्रास्फीति की वार्षिक दर बढ़कर 1.72 प्रतिशत हो गई, जो जून 2024 में 1.03 प्रतिशत थी। डीपीआईआईटी के अनुसार, थोक मूल्य सूचकांक के निर्मित उत्पाद की मुद्रास्फीति की वार्षिक दर जून 2024 में 1.43 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई 2024 में 1.58 प्रतिशत हो गई।

खुदरा मुद्रास्फीति भी 5 साल के निचले स्तर पर पहुंची

जुलाई में होलसेल प्राइस इंडेक्स में दर्ज की गई गिरावट इस महीने के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों के अनुरूप रही। इस हफ्ते की शुरुआत में जारी आंकड़ों के अनुसार जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति 5 साल के निचले स्तर 3.54 प्रतिशत पर आ गई। करीब 5 साल में ये पहला मौका है जब खुदरा मुद्रास्फीति, भारतीय रिजर्व बैंक के 4 प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे आई है। सितंबर 2023 से मुद्रास्फीति 6 प्रतिशत से नीचे बनी हुई है।

 इस साल जून में 5.08 प्रतिशत थी खुदरा महंगाई दर

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति इस साल जून में 5.08 प्रतिशत थी। जबकि बीते साल जुलाई में ये 7.44 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। आरबीआई ने अगस्त में आयोजित मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग में रेपो रेट में लगातार 9वीं कोई बदलाव नहीं किया और 6.5 प्रतिशत पर बकरार रखा था।

पीटीआई इनपुट्स के साथ

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