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RBI में हुआ बड़ा उलटफेर, स्वामीनाथन जानकीरमन को मिली बड़ी जिम्मेदारी

कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति ने आरबीआई के डिप्टी गवर्नर के पद के लिए एक जून को साक्षात्कार लिया था।

RBI Swaminathan Janakiraman- India TV Paisa Image Source : FILE RBI Swaminathan Janakiraman

RBI Swaminathan Janakiraman: सरकार ने मंगलवार को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के प्रबंध निदेशक स्वामीनाथन जानकीरमन को भारतीय रिजर्व बैंक का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया। एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार उनकी नियुक्ति डिप्टी गवर्नर का कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से तीन साल के लिए या अगले आदेश तक है। वह एम के जैन की जगह लेंगे, जिनका विस्तारित कार्यकाल मंगलवार को पूरा हो गया। डिप्टी गवर्नर का एक पद वाणिज्यिक बैंकर के लिए आरक्षित है। कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली एक समिति ने आरबीआई के डिप्टी गवर्नर के पद के लिए एक जून को साक्षात्कार लिया था। आरबीआई के तीन अन्य डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा, एम राजेश्वर राव और टी रवि शंकर हैं। 

हाल ही में RBI ने उठाया था ये बड़ा कदम

रिजर्व बैंक के नियमों की अनदेखी एक और बैंक पर भारी पड़ी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बिहार राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड, पटना पर नियामकीय प्रावधानों के उल्लंघन के लिए 60.20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। बता दें कि RBI ने बैंकों के दिन प्रतिदिन के कामकाज को लेकर सख्त नियम बनाए हैं और रिजर्व बैंक (Reserve Bank) समय समय पर देश के निजी, सरकारी और सहकारी बैंकों के कामकाज की समीक्षा करता रहता है। इसी बीच नियमों के उल्लंघन का मामला पटना के बिहार राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड की ओर से सामने आया है। 

संदिग्ध लेनदेन का शक 

आरबीआई ने बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 के बाद नाबार्ड की तरफ से किए गए निरीक्षण से इस बैंक में चल रही गड़बड़ी का पता चला है। नाबार्ड की जांच में पता चला कि यह सहकारी बैंक संदिग्ध लेनदेन को चिह्नित करने वाले सॉफ्टवेयर लगाने और उनकी जानकारी देने में नाकाम रहा था। इसके अलावा तय समय में वैधानिक सूचना भी बैंक ने नहीं दी थी। बता दें कि रिजर्व बैंक ने संदिग्ध लेनदेन की जानकारी हासिल करने के लिए बैंकों को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए निर्देश जारी किए हैं, इसके तहत बैंक सॉफ्टवेयर की मदद से संदिग्ध लेनदेन की जानकारी हासिल करते हैं और फ्रॉड पर कड़ी नजर रखते हैं। 

क्रेडिट एजेंसियों को भी सूचना नहीं

रिजर्व बैंक ने अपनी कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह सहकारी बैंक चारों क्रेडिट सूचना कंपनियों को आंकड़ों का ब्योरा देने और निदेशकों की एक उपभोक्ता सेवा समिति गठित करने में भी विफल रहा। केंद्रीय बैंक ने आधिकारिक बयान में कहा कि बैंक को नोटिस जारी किया गया था और उसके जवाब को देखने के बाद यह जुर्माना लगाने का फैसला किया गया। वैसे रिजर्व बैंक की कार्रवाई झेलने वालों में सिर्फ पटना का बैंक ही एकमात्र नहीं है। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने नियामकीय अनुपालन में खामी के लिए जोवाई कोऑपरेटिव अर्बन बैंक लि., मेघालय पर भी छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

इक्विटास होल्डिंग्स ने NBFC का लाइसेंस लौटाया

इक्विटी होल्डिंग्स ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) का अपना लाइसेंस रिजर्व बैंक को लौटा दिया है। इसके साथ ही एनबीएफसी के रूप में कंपनी का पंजीकरण रद्द हो गया है। रिजर्व बैंक ने सोमवार को यह जानकारी दी। केंद्रीय बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-आईए (6) के तहत प्रदत्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए कंपनी का पंजीकरण प्रमाणन (सीओआर) रद्द कर दिया है।

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