किसी भी देश में बेरोजगारी घटना एक शुभ संकेत माना जाता है। लेकिन दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था में रोजगार के क्षेत्र में मजबूती एक अशुभ संकेत माना जा रहा है। दरअसल अमेरिकी संेंट्रेल बैंक करीब एक साल से महंगाई घटने की आशा में ब्याज दर बढ़ा रहा है। बीते हफ्ते एक बार फिर फेड ब्याज दरों में .25 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। लेकिन महंगाई है कि घटने का नाम नहीं ले रही है। वहीं माना जा रहा है कि अमेरिका में जॉब सेक्टर की मजबूती एक बार फिर महंगाई को हवा दे सकती है। ऐसे में बीते एक साल में फेड की सभी कोशिशों पर भी पानी फिर सकता है।
फेडरल रिजर्व की ब्याज दर बढ़ोतरियों के बीच अमेरिका में नौकरियों को लेकर ताजा आंकड़ा आया है। अप्रैल महीने में अमेरिका के नियोक्ताओं ने कुल 2.53 लाख रोजगार मुहैया कराए। अमेरिकी श्रम विभाग ने शुक्रवार को जारी रोजगार आंकड़ों में बताया कि इस महीने में बेरोजगारी दर घटकर 3.4 प्रतिशत पर आ गई जो पिछले 54 साल के सबसे निचले स्तर के बराबर है।
श्रम विभाग ने कहा कि अप्रैल में भर्ती गतिविधियां ठोस रहीं जबकि फरवरी और मार्च के महीनों में इससे सुस्ती देखी गई थी। अप्रैल में प्रति घंटे का मेहनताना जुलाई के बाद सबसे तेजी से बढ़ा।
हालांकि यह आंकड़ा मुद्रास्फीति पर नजरें टिकाए बैठे फेडरल रिजर्व अधिकारियों की चिंता बढ़ा सकता है। दरअसल वेतन बढ़ने पर मुद्रास्फीति बढ़ने की भी आशंका बढ़ जाती है। जानकारों का कहना है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक की तरफ से ब्याज दर में वृद्धि जारी रखने के बावजूद रोजगार बाजार में मजबूती बनी हुई है। छंटनी की दर अब भी कम है जबकि नई भर्तियों की संख्या तुलनात्मक रूप से अधिक है।
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