आईपीओ से पहले फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी ने बड़ा फैसला लिया है। कंपनी की ओर से लागत को कम करने के लिए 400 कर्मचारियों को निकालने का फैसला लिया गया है। यह कंपनी की कुल वर्कफोर्स करीब 7 प्रतिशत है। मौजूदा समय में कंपनी में 6000 से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं।
किन विभागों से हुई छंटनी?
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट में बताया गया कि इस छंटनी का सबसे ज्यादा असर टेक, कॉल सेंटर और कंपनी की कॉरपोरेट टीम पर पड़ेगा। इससे पहले जनवरी 2023 में भी लागत को करने के लिए कंपनी ने 380 लोगों को नौकरी से निकाला था।
कंपनी घाटा कम करने के लिए उठा रही कदम
स्विगी की ओर से घाटे को कम करने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। कुछ दिनों पहले मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि कंपनी की ओर से मौजूदा प्लेटफॉर्म फीस को 5 से 10 रुपये प्रति ऑर्डर करने की योजना है, जिसे कंपनी की ओर से टेस्ट किया जा रहा है। इसके जरिए कंपनी अपने नुकसान को कम करना चाहती है। हालांकि, कंपनी ने फिलहाल ये फीस बढ़ाने के साफ इनकार किया था।अप्रैल 2023 में कंपनी ने 2 रुपये की प्लेटफॉर्म फीस प्रति ऑर्डर ग्राहकों से लेना शुरू किया था। बाद में इसे कंपनी ने बढ़ाकर 5 रुपये प्रति ऑर्डर कर दिया।
स्विगी का आईपीओ
स्विगी अपना आईपीओ लाने की योजना पर काम कर रहा है। हालांकि, इसके आईपीओ को लेकर कोई डिटेल सामने नहीं आई है। लेकिन माना जा रहा है कि इस वर्ष के अंत तक स्विगी का आईपीओ आ सकता है। स्विगी की प्रतिद्वंदी कंपनी जोमैटो पहले से ही शेयर बाजार में लिस्टेड है। कंपनी द्वारा 2021 में आईपीओ लाया गया था।
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