सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से बीमा उत्पादों की गलत बिक्री रोकने और खाताधारकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह बात कही। उन्होंने बताया कि वित्तीय सेवा विभाग (DFS) को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि बैंक और जीवन बीमा कंपनियां ग्राहकों से पॉलिसी खरीदने के लिए धोखाधड़ी वाले और अनैतिक तरीके अपना रही हैं। जोशी ने कहा कि ऐसे में बैंकों को इस मामले पर संवेदनशील बनाया गया है।
जबरन इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स बेचने की होती है कोशिश
उन्होंने कहा, ‘‘बैंकों से खाताधारकों के हितों को सबसे अधिक महत्व देने को कहा गया है।’’ ऐसे उदाहरण हैं, जहां दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में 75 वर्ष से अधिक आयु के ग्राहकों को जीवन बीमा पॉलिसी बेची गईं। आमतौर पर बैंक अपनी सहायक बीमा कंपनियों के उत्पादों को बेचने की कोशिश करते हैं। अगर ग्राहक इसका विरोध करते हैं, तो शाखा अधिकारी कहते हैं कि उनपर ऊपर से दबाव है। जब ग्राहक किसी प्रकार का ऋण लेने या सावधि जमा में निवेश करने जाते हैं, तो उन्हें बीमा उत्पाद बेचने की कोशिश की जाती है।
केंद्रीय सतर्कता आयोग ने जताई आपत्ति
यह भी बताया गया कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने भी इस पर आपत्ति जताई है, क्योंकि बीमा उत्पाद बेचने के दबाव में बैंकिंग का मुख्य व्यवसाय प्रभावित होता है और कर्मचारियों के लिए कमीशन तथा प्रोत्साहन के लालच में ऋण की गुणवत्ता से समझौता हो सकता है।
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