नई दिल्ली। बैंक ऑफ इंडिया ने कर्ज में डूबी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में एक याचिका दायर की है। याचिका में एफआरएल के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने की अपील की गई है। इस महीने की शुरुआत में एफआरएल ने बताया था कि वह अपने ऋणदाताओं को समय पर 5,322.32 करोड़ रुपये अदा नहीं कर सकी। कंपनी ने बताया कि ऐसा अमेजन के साथ चल रहे मुकदमों और अन्य संबंधित मुद्दों के कारण हुआ।
फ्यूचर रिटेल ने शेयर बाजार को दी जानकारी
एफआरएल ने शेयर बाजार को बताया, बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) ने कंपनी के साथ किए गए समझौते के संदर्भ में देय धनराशि का भुगतान न करने पर कंपनी के खिलाफ ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता, 2016 की धारा सात के तहत एक याचिका दाखिल करने की अग्रिम सूचना दी है। फ्यूचर समूह की फर्म ने कहा कि उसे याचिका की एक प्रति मिली है और वह कानूनी सलाह ले रही है। एफआरएल को कर्ज देने वाले समूह के प्रमुख बैंक बीओआई ने पिछले महीने अखबार में एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर एफआरएल की संपत्ति पर अपना दावा किया था।
संपत्तियों के लेनदेन के प्रति सचेत किया
बीओआई ने फ्यूचर समूह की संपत्तियों के लेनदेन के प्रति जनता को सचेत भी किया था। एफआरएल सहित फ्यूचर समूह की कई कंपनियों ने छह अगस्त, 2020 के रिजर्व बैंक के परिपत्र के संदर्भ में अपने ऋणदाताओं के साथ एक समझौता किया था। इसमें कोविड महामारी से संबंधित परेशानियों के मद्देनजर एक समाधान ढांचे की घोषणा की गई थी।
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