किसान और ग्रामीणों के लिए आई बुरी खबर, खुदरा महंगाई पहुंची 6 फीसदी के पार
Villagers Retail Inflation: खुदरा महंगाई से जुड़ी नई अपडेट सामने आ गई है, जो किसानों के लिए चिंता का विषय है। मई की तुलना में जून में महंगाई बढ़ी है।
Retail Inflation: किसान और ग्रामीणों के लिए एक परेशान करने वाली खबर आई है। पिछले महीने जिस स्पीड में महंगाई के आंकड़े संतोषजनक दायरे में आ गए थे, इस बार खुदरा महंगाई दर चिंताजनक स्तर पर जा पहुंची है। कृषि और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए खुदरा महंगाई जून में मामूली रूप से बढ़कर क्रमश: 6.31 प्रतिशत और 6.16 प्रतिशत हो गई है। यह आंकड़ा इस साल मई में 5.99 प्रतिशत और 5.84 प्रतिशत था। कृषि श्रमिकों और ग्रामीण श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) जून 2023 में बढ़कर क्रमश: 1,196 अंक और 1,207 अंक हो गया। दोनों में मासिक आधार पर 10 अंकों की वृद्धि हुई। मई 2023 में सीपीआई-एएल 1,186 अंक और सीपीआई-आरएल 1,197 अंक था।
मंत्रालय ने जारी किया बयान
श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सीपीआई-एएल (कृषि श्रमिक) और सीपीआई-आरएल (ग्रामीण श्रमिक) पर आधारित महंगाई की दर जून 2023 में 6.31 प्रतिशत और 6.16 प्रतिशत थी। यह आंकड़ा मई 2023 में क्रमशः 5.99 प्रतिशत और 5.84 प्रतिशत तथा पिछले साल (जून 2022) में इसी महीने के दौरान 6.43 प्रतिशत और 6.76 प्रतिशत था। खाद्य महंगाई जून में 7.03 प्रतिशत और 6.70 प्रतिशत रही, जबकि मई में यह आंकड़ा 6.31 प्रतिशत और 6.07 प्रतिशत और एक साल पहले की अवधि में 5.09 प्रतिशत और 5.16 प्रतिशत था। इस दौरान चावल, दाल, दूध, मांस-बकरी, मछली, गुड़, मिर्च, लहसुन, अदरक, प्याज, सब्जियां और फल आदि की कीमतों में वृद्धि हुई।
अप्रैल के बाद सबसे तेज महंगाई
सरकार ने पिछले हफ्ते उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई के आंकड़े जारी किए। मई में खुदरा महंगाई 4.31 प्रतिशत रही थी जबकि साल भर पहले जून, 2022 में यह सात प्रतिशत थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जून में खाद्य उत्पादों की महंगाई 4.49 प्रतिशत रही जबकि मई में यह 2.96 प्रतिशत थी। सीपीआई में खाद्य उत्पादों का भारांक लगभग आधा होता है।
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