दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल को एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से बड़ी आर्थिक सहायता मिलने जा रही है। एडीबी ने दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड रेल (आरआरटीएस) गलियारे के निर्माण और औद्योगिक गलियारे के विकास के लिए 25-25 करोड़ डॉलर का लोन मंजूर कर लिया है। भाषा की खबर के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में इस बात की जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि 82 किलोमीटर लंबे आरआरटीएस गलियारे के निर्माण के लिए एडीबी 25 करोड़ डॉलर का वित्त मुहैया कराने जा रहा है।
2020 में सहमति जताई थी
इससे पहले एडीबी ने साल 2020 में आरआरटीएस के निर्माण के लिए 104.9 करोड़ डॉलर का वित्तपोषण कई चरणों में मुहैया कराने पर सहमति जताई थी। पहली किस्त में 50 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया था। खबर के मुताबिक, वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव जूही मुखर्जी ने लोन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा कि इस निवेश से आरआरटीएस शहरी परिवहन में सुधार ला पाएगा। इससे महिलाओं और दिव्यांगों को भी आर्थिक फायदा मिलेगा।
पहले भी दिया था कर्ज
एडीबी ने विनिर्माण को ज्यादा कॉम्पिटिटीव (प्रतिस्पर्धी) बनाने और नेशनल सप्लाई चेन को मजबूत करने के लिए औद्योगिक गलियारा विकास के लिए भी 25 करोड़ डॉलर के एक कर्ज को मंजूरी दी है। इस 'सबप्रोग्राम 2' से परिवहन, लॉजिस्टिक और शहरी सुविधाओं से औद्योगिक गलियारों को लैस करने में मदद मिलेगी। इसके पहले 25 करोड़ डॉलर का 'सबप्रोग्राम 1' कर्ज भी एडीबी ने अक्टूबर, 2021 में दिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते अक्टूबर में देश की हाई स्पीड ट्रेन 'नमो भारत' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। आपको बता दें, पहले इस ट्रेन का नाम रैपिड एक्स दिया गया था लेकिन अब इसे 'नमो भारत' के नाम से जाना जाएगा। पैसेंजर पहले फेज में साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक का सफर तय कर सकते हैं। यह ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है।
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