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रोजगार का 'मछली बाजार' लगाने जा रही यूपी सरकार, इस जिले के लोगों की हो गई चांदी

Yogi Government Fish Market: योगी सरकार कारोबार को नई दिशा देने के लिए एक शानदार प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। सरकार एशिया का सबसे बड़ा मछली बाजार खोलने की तैयारी में है।

Asia's Largest Fish Market Open- India TV Paisa Image Source : FILE Asia's Largest Fish Market Open

Asia's Largest Fish Market Open: बचपन में जब कहीं 5-10 लोग एक साथ किसी विषय पर बातचीत करने लगते थे और उसके चलते जब वहां हो-हल्ला मच जाता था तब वहां मौजूद लोग इस लाइन का जिक्र किया करते थे कि क्या मछली बाजार लगा रखे हो। अब सरकार इस मछली बाजार को रोजगार और कारोबार से जोड़कर यूपी के विकास को एक नई रफ्तार देने जा रही है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में जल्द ही एशिया का सबसे बड़ा मछली बाजार खुलेगा। बाजार का निर्माण अगले साल जुलाई तक पूरा हो जाएगा। उत्तर प्रदेश के मत्स्य पालन मंत्री संजय निषाद ने कहा कि मछली बाजार को पूरी क्षमता से संचालित करने पर सालाना करीब 75 हजार मीट्रिक टन मछली का कारोबार होगा। इससे आस-पास के लोगों को रोजगार के मौके भी मिलेंगे और कारोबार को एक नई दिशा मिलेगी।

यूपी में रोजगार का 'मछली बाजार' 

मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार का कार्यकाल सुशासन और गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित रहा है। चंदौली में अत्याधुनिक थोक मछली बाजार के निर्माण से लगभग 1500 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। मौजूदा व्यवस्था के तहत मछुआरा समुदाय के सर्वांगीण कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। मत्स्य पालन ने भारत की जीडीपी विकास दर में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मछुआरा कल्याण कोष का इस्तेमाल समुदाय के लिए किया जाएगा। पिछली सरकारों ने मछुआरा समुदाय को वोट बैंक माना, लेकिन उनके कल्याण के लिए काम नहीं किया। उत्तर प्रदेश में भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी के प्रमुख मंत्री ने यह भी कहा कि प्रयागराज में भगवान राम और निषाद राज की 56 फीट की प्रतिमा जल्द ही स्थापित की जाएगी।

बेरोजगारी दर में आया है सुधार

हाल ही में देश में रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर आई था। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की शहरी बेरोजगारी दर इस साल जनवरी-मार्च तिमाही में घटकर 6.8 प्रतिशत रह गई।  राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन कार्यालय (एनएसएसओ) के आंकड़ों के अनुसार एक साल पहले इसी तिमाही में यह 8.2 प्रतिशत थी। इस प्रकार देश के शहरों में बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च में 2018-19 में इस सर्वेक्षण के अस्तित्व में आने के बाद सबसे कम रही है। 

 

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