भारतपे के पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर ने सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नए डिजिटल ऋण दिशानिर्देशों की आलोचना करते हुए मानदंडों को डिजिटल भारत में सबसे खराब चीज बताया है। ट्विटर पर ट्वीट करते हुए ग्रोवर ने कहा कि नए डिजिटल ऋण मानदंड फिनटेक को उधार देने से हतोत्साहित करेंगे।
तीसरा स्टार्टअप शुरू करने जा रहे ग्रोवर ने अपनी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर के साथ मिलकर थर्ड यूनिकॉर्न प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक नई कंपनी बनाई है। उन्होंने कहा कि यदि UPI दुनिया में सबसे अच्छा तकनीकी/नियामक इनोवेशन है, तो RBI के डिजिटल ऋण दिशानिर्देश सबसे खराब होने चाहिए। मतलब की आरबीआई फिनटेक को बता रहा है 'भाई मत करो डिजिटल लेंडिंग शेडिंग! बैंकों से होती नहीं, हमें समझ आती नहीं, और पेन पेपर की सेल भी कम होगी'
क्या था RBI का निर्देश
डिजिटल उधार पर आरबीआई के हालिया दिशानिर्देशों का उद्देश्य एक मजबूत ढांचा तैयार करना है जो ग्राहकों के हितों की रक्षा करता है। इसके कारण फिनटेक ऋणदाताओं ने देश में अपनी सेवाओं को निलंबित कर दिया है। पिछले महीने यूनी ने हाल ही में आरबीआई की अधिसूचना के अनुरूप अपने उत्पादों पर कार्ड सेवाओं को निलंबित कर दिया था। स्टार्टअप ने कहा कि वह यूनी पे 1/3 कार्ड और यूनी पे 1/2 कार्ड सेवाओं को सक्रिय रूप से निलंबित कर रहा है, जो लाखों उपयोगकर्ताओं को प्रभावित करेगा।
भारत पे ने की थी ग्रोवर पर कार्रवाई
भारतपे के निदेशक मंडल ने पूर्व प्रबंध निदेशक ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन को कथित अनियमितताओं का दोषी पाए जाने के बाद कंपनी ने सभी पदों से हटा दिया था। जीएसटी अधिकारी पिछले साल से भारतपे के खिलाफ बिना किसी माल की आपूर्ति के बिल जारी करने के आरोपों की जांच कर रहे हैं। जीएसटी आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने पिछले साल अक्टूबर में वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी के मुख्य कार्यालय में तलाशी अभियान चलाया था। एक अधिकारी ने कहा, कंपनी के खिलाफ बिना माल की आपूर्ति किये चालान जारी कर जीएसटी की कथित चोरी करने को लेकर जांच चल रही है।
क्या था मामला?
भारतपे ने कंपनी के कोष में बड़े पैमाने पर अनियमितता में ग्रोवर के परिवार और संबंधियों की लिप्तता भी पाई थी। कंपनी के बयान में कहा गया था, ‘‘निदेशक मंडल ग्रोवर परिवार के निंदनीय आचरण से भारतपे, इसके मेहनती कर्मचारियों और विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी की प्रतिष्ठा को धूमिल नहीं होने देगा। ग्रोवर अपने गलत कामों की वजह से अब कंपनी के संस्थापक या निदेशक या कर्मचारी तक नहीं हैं।’’
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