कश्मीर में बड़ी रेल लाइन पर ट्रेन चलाने की मिली मंजूरी, 1997 में शुरू हुआ था काम, जानिए कितनी रहेगी स्पीड
कश्मीर में ब्रॉड गेज रेल लाइन पर पैसेंजर ट्रेन चलाने की मंजूरी मिल गई है। कश्मीर को रेल रूट से जोड़ने के प्रोजेक्ट पर काम 1997 में शुरू हुआ था।
उत्तरी सर्कल के रेल संरक्षा आयुक्त (CRS) दिनेश चंद देशवाल ने कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली नवनिर्मित बड़ी (ब्रॉड गेज) रेल लाइन पर यात्री रेलगाड़ियों को चलाने की मंगलवार को अनुमति दे दी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सीआरएस ने करीब एक सप्ताह पहले उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना के कटरा-रियासी सेगमेंट का दो दिवसीय निरीक्षण किया था, जिसके बाद अब यह मंजूरी दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि सीआरएस ने सात और आठ जनवरी को अपने विस्तृत निरीक्षण के आधार पर संबंधित मंत्रालय और मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त सहित रेलवे अधिकारियों को सात पन्नों के पत्र में मालगाड़ी और यात्री रेलगाड़ियों को चलाने की अनुमति दे दी है। यह इस बहुप्रतीक्षित महत्वाकांक्षी परियोजना के पूरा होने का संकेत है।
1997 में शुरू हुआ था काम
कश्मीर को रेल मार्ग से जोड़ने की परियोजना पर काम 1997 में शुरू हुआ था और भौगोलिक तथा मौसम संबंधी चुनौतियों के कारण इसका काम कई बार तय समयसीमा पर पूरा नहीं हो पाया। यूएसबीआरएल परियोजना के तहत कुल 272 किलोमीटर रेल लाइन में से 209 किलोमीटर पर काम कई चरणों में शुरू किया गया, जिसमें पहले चरण के तहत 118 किलोमीटर का काजीगुंड-बारामूला सेगमेंट अक्टूबर 2009 में शुरू हुआ, इसके बाद जून 2013 में 18 किलोमीटर का बनिहाल-काजीगुंड मार्ग, जुलाई 2014 में 25 किलोमीटर उधमपुर-कटरा मार्ग और पिछले साल फरवरी में 48.1 किलोमीटर लंबा बनिहाल-संगलदान सेक्शन शुरू हुआ।
85 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार
संगलदान-रियासी के बीच 46 किलोमीटर लंबे सेक्शन का काम भी पिछले साल जून में पूरा हो गया था, लेकिन रियासी और कटरा के बीच कुल 17 किलोमीटर का हिस्सा बच गया था और यह सेक्शन भी दिसंबर 2024 में पूरा हो गया। पत्र का हवाला देते हुए अधिकारियों ने बताया कि मुख्य लाइन पर 85 किलोमीटर प्रतिघंटा और ‘टर्नआउट’ (जब ट्रेन एक लाइन से दूसरी लाइन बदलती है) पर 15 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से रेलगाड़ियों के परिचालन की अनुमति दी है। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि मंजूरी के साथ ही विभिन्न शर्तों, दिशानिर्देशों के अनुपालन के लिए भी कहा गया है। सफल रफ्तार परीक्षण के बाद बनिहाल पहुंचने पर देशवाल ने संवाददाताओं से कहा कि कटरा से बनिहाल तक चुनौतीपूर्ण भौगोलिक स्थिति में 180 डिग्री की चढ़ाई पर 110 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से परीक्षण के साथ रेलवे के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। पिछले महीने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रियासी-कटरा सेक्शन के पूरा होने की घोषणा की थी।
(भाषा/पीटीआई के इनपुट के साथ)