दिल्ली हाई कोर्ट ने क्लीन एनर्जी एजेंसी सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनी रिलायंस पावर लिमिटेड पर तीन साल के लिए नीलामी में भाग लेने से प्रतिबंध लगा दिया गया था। कंपनी ने मंगलवार को ये जानकारी दी। इस महीने की शुरुआत में SECI ने रिलायंस पावर और इसकी सब्सिडरी यूनिट्स को तीन साल के लिए नीलामी में भाग लेने से रोक दिया था। हाल ही में बैटरी स्टोरेज ठेके के लिए अपनी बोली का समर्थन करने के लिए फर्जी बैंक गारंटी जमा करने के आरोपों के कारण ये रोक लगाई गई थी।
SECI ने क्यों लगाया था प्रतिबंध
रिलायंस पावर ने मंगलवार को एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया, ‘‘दिल्ली हाई कोर्ट ने आज अपनी सुनवाई में रिलायंस एनयू बीईएसएस लिमिटेड (जिसे पहले महाराष्ट्र एनर्जी जेनरेशन लिमिटेड के नाम से जाना जाता था) को छोड़कर इसकी सभी सब्सिडरी कंपनियों समेत कंपनी के खिलाफ SECI के प्रतिबंध पर रोक लगा दी है।'' रिलायंस एनयू बीईएसएस ने मनीला सिटी, मनीला, फिलिपीन में स्थित अपनी यूनिट के जरिये फर्स्टरैंड बैंक द्वारा कथित रूप से जारी बैंक गारंटी जमा की थी। विस्तृत जांच के बाद इस बैंक की भारतीय यूनिट ने कहा कि फिलिपीन में बैंक की ऐसी कोई शाखा मौजूद नहीं है, जिसके कारण SECI ने माना कि बैंक गारंटी फर्जी थी।
मंगलवार को रिलायंस पावर के शेयरों में लगा अपर सर्किट
बताते चलें कि आज रिलायंस पावर के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली और अंत में कंपनी के शेयरों में अपर सर्किट लग गया। रिलायंस पावर के शेयर आज 1.73 रुपये (4.98%) की तेजी के साथ 36.46 रुपये के भाव पर बंद हुए। बताते चलें कि रिलायंस पावर के शेयरों में लंबे समय के बाद अपर सर्किट लगा है। कंपनी के शेयरों में पिछले 1 हफ्ते में 2.04 प्रतिशत का उछाल आया है। पिछले 2 हफ्ते में कंपनी के शेयरों में 5.25 प्रतिशत और पिछले 1 महीने में 15.52 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले 3 महीने में इसमें 11.40 प्रतिशत और पिछले 6 महीने में 36.86 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है।
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