Anil Ambani की कर्ज में डूबी कंपनी रिलायंस पावर (आरपावर) के शेयरधारकों ने कंपनी की प्रॉपर्टी को बाजार में बिक्री या पट्टे पर चढ़ाने (मौद्रीकरण) के लिए रखे गए विशेष प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। आरपावर की गत दो जुलाई को हुई वार्षिक आमसभा में परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण का प्रस्ताव रखा गया था लेकिन शेयरधारकों ने इसे नकार दिया। किसी भी प्रस्ताव को मंजूरी के लिए न्यूनतम 75 प्रतिशत शेयरधारकों की सहमति जरूरी होती है।
जरूरी संख्या बल नहीं मिल पाया
कंपनी ने बीएसई को दी गई सूचना में कहा कि संपत्ति के मौद्रीकरण प्रस्ताव को सिर्फ 72.02 प्रतिशत शेयरधारकों का ही समर्थन मिला जबकि 27.97 प्रतिशत शेयरधारकों ने इसके खिलाफ मतदान किया। इस तरह वार्षिक आमसभा में संपत्ति को बाजार में चढ़ाने के लिए रखा गया प्रस्ताव खारिज हो गया। इसके पहले कंपनी ने कहा था कि वह अपने कर्ज का बोझ कम करने और देनदारियां चुकाने की प्रक्रिया में है। इसके लिए कंपनी ने अपनी संपत्तियों एवं कारोबारों की समुचित समय पर बिक्री करने की मंशा जताई थी।
शेयरधारकों की मंजूरी लेना जरूरी
हालांकि संपत्ति बेचने या पट्टे पर देने के पहले कंपनी को एक विशेष प्रस्ताव लाकर शेयरधारकों की मंजूरी लेनी जरूरी थी। कोई भी कंपनी विशेष प्रस्ताव को मंजूरी मिले बगैर एक वित्त वर्ष में भौतिक अनुषंगी की 20 प्रतिशत से अधिक परिसंपत्तियों की न तो बिक्री कर सकती है और न ही उन्हें पट्टे पर दे सकती है।
चौथी तिमाही में 555 करोड़ का शुद्ध घाटा
रिलायंस पावर को वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में 555.18 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध घाटा हुआ है। खर्चों में बढ़ोतरी के कारण कंपनी को घाटे का सामना करना पड़ा है। वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में उसने 72.56 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ अर्जित किया था। कंपनी ने बताया कि बीते वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान उसकी आय बढ़कर 1,878.40 करोड़ रुपये हो गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 1,691.19 करोड़ रुपये थी। कंपनी का खर्च भी हालांकि आलोच्य तिमाही के दौरान बढ़कर 2,525.02 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एक साल पहले की इसी अवधि में यह 1,647.69 करोड़ रुपये था। कंपनी को पूरे वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 605.91 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध घाटा हुआ, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में उसने 228.63 करोड़ रुपये की कमाई की थी।
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