Amul दूध को लेकर आई बड़ी खबर, MD ने कीमत बढ़ाने के प्लान के बारे में दी जानकारी
Amul Price Hike: अमूल दूध की कीमतों में एक बार फिर से बढ़ोतरी होने जा रही है। कंपनी के MD ने इसको लेकर एक बड़ी जानकारी सामने रखी है। आइए पूरी खबर जानते हैं।
Amul MD Price: अमूल ब्रांड के तहत दुग्ध उत्पाद बेचने वाली गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ लिमिटेड (जीसीएमएमएफ) की दूध के दाम बढ़ाने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक जयेन मेहता ने दूध की कीमत के बारे में पूछे जाने पर कहा कि फिलहाल हमारी कीमतें बढ़ाने की योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि एक साल में लागत मूल्य 15 प्रतिशत बढ़ गया है जिससे संघ को पिछले साल खुदरा मूल्य में कुछ बढ़ोत्तरी करनी पड़ी थी। महीने की शुरुआत में ही अमूल दूध के दाम गुजरात में दो रुपये प्रति लीटर बढ़ाए गए थे। इसके पहले देश के अन्य राज्यों में भी अमूल दूध के दाम फरवरी में दो रुपये प्रति लीटर बढ़ाए गए थे। मेहता ने एक मीडिया बातचीत में कहा कि जीसीएमएमएफ ने कोविड महामारी के कारण 2020 और 2021 में कीमतें नहीं बढ़ाई थीं लेकिन पिछले साल कुछ मौकों पर कीमतें बढ़ाई गईं। उन्होंने कहा कि जीसीएमएमएफ खुदरा कीमतों का लगभग 80 प्रतिशत दुग्ध उत्पादक किसानों को देता है।
राजस्व में वृद्धि
दूध की बढ़ती मांग के बीच कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए राजस्व में 20 प्रतिशत वृद्धि के साथ इसके 66,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2022-23 में 55,055 करोड़ रुपये का कारोबार किया जो एक साल पहले की तुलना में 18.5 प्रतिशत अधिक है। जीसीएमएमएफ ने कहा कि कोविड काल के बाद डेयरी उत्पादों की मांग काफी बढ़ गई थी, जिससे पिछले वित्त वर्ष में कंपनी के राजस्व में एक मजबूत वृद्धि देखी है। उम्मीद है कि सभी उत्पादों की बिक्री इसी रफ्तार से चलती रहेगी। मांग अब असंगठित क्षेत्र से संगठित कंपनियों की तरफ जा रही है। बता दें कि कुछ दिन पहले आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा था कि मांग-आपूर्ति संतुलन तंग रहने और चारा लागत के दबाव के कारण दूध की कीमतें भी गर्मी के मौसम में मजबूत बने रहने की संभावना है। दिसंबर 2022 से महंगाई बढ़ी है, जिसका कारण अनाज, दूध और फलों में कीमतों को लेकर दबाव है।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक
भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। वर्ष 2021-22 में उत्पादन 22.1 करोड़ टन रहा, जो पिछले वर्ष के 20.8 करोड़ टन के उत्पादन से 6.25 प्रतिशत अधिक था। हालांकि, वर्ष 2022-23 में उत्पादन स्थिर रहने या मामूली वृद्धि होने का अनुमान है। इसका प्रमुख कारण पिछले साल आई लंपी स्किन डिजीज है जिसमें लाखों गायों को जान गंवानी पड़ी थी।