नयी दिल्ली: सात बैंकों का एक समूह पूर्ववर्ती आम्रपाली समूह की अटकी पड़ी परियोजनाओं के निर्माण को पूरा करने के लिए 1,500 करोड़ रुपये का कर्ज देगा। उच्चतम न्यायालय के आम्रपाली समूह की रुकी हुई परियोजनाओं के निर्माण को पूरा करने के निर्देश के बाद यह कदम उठाया जा रहा है।
सार्वजनिक क्षेत्र की एनबीसीसी ने ‘आम्रपाली स्टॉल्ड प्रोजक्ट्स एंड इनवेस्टमेंट रिकंस्ट्रक्शन एस्टैब्लिशमेंट’ (एएसपीआईआरई) के अंतर्गत और उच्चतम न्यायालय की देखरेख में आम्रपाली की रुकी हुई कई रिहायशी परियोजनाओं को पूरा करने का जिम्मा लिया है।
गौरतलब है कि 28 मार्च को उच्चतम न्यायालय ने बैंक ऑफ बड़ौदा के नेतृत्त्व वाले सात बैंकों के समूह को आम्रपाली समूह की रुकी हुई परियोजनाओं के निर्माण के लिए मंगलवार तक 1,500 करोड़ रुपये का वितरण करने का निर्देश दिया था। एनबीसीसी ने एक बयान में कहा कि 29 मार्च को एएसपीआईआरई और बैंकों के समूह के बीच आम्रपाली परियोजनाओं के लिए 1,500 करोड़ रुपये के ऋण वितरण को लेकर एक करार हुआ है।
बैंकों के इस समूह में बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडिया बैंक, यूको बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब एंड सिंध बैंक शामिल हैं। एसबीसीसी ने कहा, ‘‘अपने सपनों के घरों के कब्जे का इंतजार कर रहे लगभग 40,000 घर खरीदारों को इस पहल से लाभ होगा।’’
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