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Hindi News पैसा बिज़नेस आरोपों के बीच अदाणी ग्रुप को मिला केरल सरकार से बड़ा ठेका, 10 हजार करोड़ रुपये का होगा निवेश

आरोपों के बीच अदाणी ग्रुप को मिला केरल सरकार से बड़ा ठेका, 10 हजार करोड़ रुपये का होगा निवेश

अदाणी ग्रुप पर लगे हालिया आरोपों के बाद ग्रुप कंपनियों के स्टॉक में बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। हालांकि, ग्रुप ने सभी आरोपो को नकार दिया है।

Adani Group - India TV Paisa Image Source : FILE अदाणी ग्रुप

अमेरिका में रिश्वतखोरी के आरोपों का सामना कर रहे अदाणी ग्रुप को केरल सरकार से बड़ा ठेका मिला है। आपको बता दें कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य सरकार और अदाणी विझिंजम पोर्ट प्राइवेट लि. विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह प्रोजेक्ट के लिए पूरक रियायत एग्रीमेंट (supplemental concession agreement) पर हस्ताक्षर करने की गुरुवार को घोषणा की। इसके पहले चरण के अगले महीने चालू होने की उम्मीद है। एग्रीमेंट के अनुसार, केरल के समुद्री बुनियादी ढांचे में इस परियोजना का दूसरा और तीसरा चरण 2028 तक पूरा हो जाएगा। इन चरणों में 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश शामिल होगा, जिससे बंदरगाह की क्षमता 30 टीईयू (20 फुट समतुल्य इकाई) तक बढ़ जाएगी। 

दिसंबर तक पोर्ट चालू करने की योजना

केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, हमने विझिंजम बदंरगाह पर अदाणी विझिंजम पोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक पूरक रियायत समझौता किया है, जिससे प्रोजेक्ट की अवधि पांच साल के लिए बढ़ाई जा सके और दिसंबर तक बंदरगाह चालू हो सके। चूंकि 2028 तक दूसरे और तीसरे चरण का काम पूरा होने वाला है, इसलिए 10,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा जिससे बंदरगाह की क्षमता 30 लाख टीईयू तक बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा, यह उपलब्धि व्यापक वृद्धि और वैश्विक संपर्क के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को बताती है।

आरोपों के घेरे में अदाणी ग्रुप 

वामपंथी सरकार ने अदाणी पोर्ट्स के साथ समझौते पर हस्ताक्षर ऐसे समय में किए हैं, जब अदाणी समूह के प्रमुख गौतम अदाणी पर अमेरिकी अभियोजकों ने सौर ऊर्जा ठेकों के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब 2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने की साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया है। हालांकि अदाणी समूह का कहना है कि गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर अदाणी पर कथित रिश्वतखोरी के मामले में अमेरिका के विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (एफसीपीए) के उल्लंघन का कोई आरोप नहीं लगाया गया है। बल्कि उन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी के तहत आरोप लगाया गया है जिसमें मौद्रिक दंड का प्रावधान है। 

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