वाडिया समूह की एयरलाइंस गो फर्स्ट को बंद हुए एक महीना पूरा होने जा रहा है। गो फर्स्ट (Go First) के हटने के बाद से जिन रूट पर यह सेवाएं देती थी, वहां अचानक हवाई किरायों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। एयरलाइंस (AirLines) कंपनियों द्वारा वसूली जा रही मनमानी कीमत का अब सरकार ने संज्ञान लिया है। नागर विमानन मंत्रालय गो फर्स्ट की उड़ानें रद्द होने से प्रभावित होने वाले मार्गों का विश्लेषण कर रहा है। कुछ हवाई मार्गों पर किराया बढ़ने के बीच यह कदम उठाया जा रहा है।
नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि गो फर्स्ट मामले के कारण स्थिति बिगड़ी है और गो फर्स्ट की उड़ान वाले मार्गों पर भारी मांग है। दिवाला समाधान प्रक्रिया का सामना कर रही गो फर्स्ट की उड़ानें तीन मई से बंद हैं। सिंधिया ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “हमने अन्य एयरलाइन को अतिरिक्त मार्ग दिए हैं लेकिन यह स्थिति अलग है। मुझे नहीं लगता कि किसी अन्य क्षेत्र ने पिछले तीन वर्षों में इतने उतार-चढ़ाव देखे हैं, जितने विमानन क्षेत्र में हुए हैं।”
उन्होंने कहा, “हमने एक समूह बनाया है और हम (गो फर्स्ट संकट से) प्रभावित हुए इन मार्गों का विश्लेषण कर रहे हैं।” सिंधिया ने कहा, “हम पूरा विश्लेषण कर रहे हैं।हम सुनिश्चित करेंगे कि किराया एक सीमा के अंदर रहे। यह स्थिति मांग-आपूर्ति में संतुलन बिगड़ने के कारण पैदा हुई है।” उन्होंने यह भी कहा कि नागरिक विमानन क्षेत्र नियंत्रण मुक्त क्षेत्र है।
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