American Businessman: भारत और अमेरिका के रिश्ते को लेकर हमेशा कई तरह के सवाल किए जाते हैं। हाल ही में अमेरिका के यात्रा पर गए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि 2014 के बाद से भारत और अमेरिका के रिश्ते में और मजबूती आई है। अमेरिकी व्यवसाय इस बात से प्रभावित हैं कि भारत कितना अधिक डिजिटल बन गया है। वहीं, भारत में कारोबार करने में सुगमता को लेकर सराहना का भाव भी है।
‘हम लोग’ में भारत के विदेश मंत्री
अमेरिका भारत रणनीतिक भागीदारी फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष मुकेश अघी ने बुधवार को आयोजित भोज के दौरान जयशंकर को फोरम की ‘कॉफी टेबल बुक’ भेंट की जिसका शीर्षक है ‘हम लोग’। इसमें भारत और अमेरिका के 75 वर्ष की रिश्तों की कहानी है। जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘भारत में ऊर्जा, स्वास्थ्य, जलवायु, अवसंरचना, लॉजिस्टिक्स और रक्षा क्षेत्रों में हो रहे बदलावों में गहरी दिलचस्पी देखने को मिली है।’’
डिजिटल डिलिवरी को अपना रही कंपनियां
अमेरिकी दौरे के समापन पर जयशंकर ने बुधवार को भारतीय संवाददाताओं के एक समूह से कहा कि अमेरिकी व्यवसाय इससे प्रभावित हैं कि भारत कितना अधिक डिजिटल हो गया है और सरकार कितने प्रभावी तरीके से डिजिटल डिलिवरी को अपना रही है। स्टार्टअप और इनोवेशन में क्या बदलाव आए हैं और छात्र और युवा इसे लेकर कितने अधिक उत्साहित है। ड्रोन नीति, श्रम कानूनों में बदलाव और उत्पाद से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं को लेकर बहुत ही सकारात्मक बातें सुनने को मिलीं है।
विदेश मंत्री जयशंकर और अमेरिकी रक्षा मंत्री के बीच हुई मुलाकात
विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने द्विपक्षीय रक्षा औद्योगिक सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा की। अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने कहा कि इससे एक क्षेत्रीय सुरक्षा प्रदाता के रूप में भारत का योगदान बढ़ेगा। वाशिंगटन की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे जयशंकर सोमवार को ऑस्टिन से मुलाकात के लिए पेंटागन गए थे। पेंटागन ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि भारत और अमेरिका अपनी साझेदारी में एक और उन्न्त चरण की ओर बढ़ रहे हैं। ऑस्टिन और जयशंकर ने अमेरिका और भारतीय सेनाओं के बीच गहन संचालनगत समन्वय के लिए सूचना-साझाकरण और रसद सहयोग के विस्तार को लेकर प्रतिबद्धता जताई।
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