नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के आदेश पर मुहर लगाते हुए अमेजन और फ्यूचर ग्रुप के बीच निवेश सौदे के लिए मंजूरी को निलंबित कर दिया है । NCLAT ने अमेजन पर लगाए गए 200 करोड़ रुपए जुर्माने को भी बरकरार रखा है और कंपनी को भुगतान करने के लिए 45 दिन का समय दिया है । यह जुर्माना प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 की धारा 43ए के तहत संयोजनों पर प्रासंगिक जानकारी का खुलासा न करने पर लगाया गया है। CCI के फैसले की पुष्टि करते हुए NCLAT ने कहा कि एंटी-ट्रस्ट वॉचडॉग के समझौते में अमेजन ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड - फ्यूचर ग्रुप की सार्वजनिक सूचीबद्ध कंपनी में अपने रणनीतिक हित के बारे में पूर्ण, निष्पक्ष और स्पष्ट खुलासा नहीं किया था। अमेजन समझौतों के संयोजन से संबंधित प्रासंगिक जानकारी को सूचित करने में विफल रहा।
निवेश सौदे के लिए CCI की मंजूरी अनिवार्य
भारत में नियामक व्यवस्था के तहत निवेश सौदे या विलय और अधिग्रहण लेनदेन के लिए CCI की मंजूरी अनिवार्य है। इस तरह के लेन-देन सफल होते हैं और CCI या भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड जैसे निकायों से अपेक्षित नियामक अनुमोदन प्राप्त होने के बाद ही निष्पादित किए जा सकते हैं। Amazon और Future Coupons Pvt Ltd (FCPL) के बीच 1,400 करोड़ रुपए के निवेश सौदे को शुरू में सौदे के निष्पादन और मनी ट्रांसफर की सुविधा के लिए सभी आवश्यक नियामक अनुमोदन प्राप्त हुए थे।
Amazon ने CCI के आदेश के खिलाफ NCLAT से की थी अपील
ई-कॉमर्स की दिग्गज अमेरिकी कंपनी अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप के साथ निवेश सौदे के मंजूरी को स्थगित रखने के लिए दिसंबर 2021 में भारत के प्रतिस्पर्धा आयोग के फैसले को चुनौती देने के लिए NCLAT से संपर्क किया था। सीसीआई का आदेश इस तर्क पर आधारित था कि अमेजन ने सौदे के पीछे अपने इरादे और रणनीतिक हितों का खुलासा नहीं किया था। इस आरोप से इनकार करते हुए अमेजन ने अपीलीय मंच - NCLAT के सामने आदेश के खिलाफ अपील की थी। जिस सौदे के लिए CCI ने अपनी मंजूरी रोक दी थी । वह वहीं सौदा है जो दोनों पक्षों को विवाद की स्थिति में मध्यस्थता के लिए सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल (SIAC) से संपर्क किया गया था।
SIAC के बाद अब Amazon खटखटा सकता है सुप्रिम कोर्ट का दरवाजा
अमेजन ने अक्टूबर 2020 में, फ्यूचर ग्रुप को रिलायंस के साथ अपने प्रस्तावित परिसंपत्ति बिक्री सौदे के साथ आगे बढ़ने से रोकने के लिए SIAC में तत्काल सुनवाई की मांग की थी। ट्रिब्यूनल ने अक्टूबर 2020 में उक्त सौदे पर रोक लगाते हुए अंतरिम आदेश पारित किया और अमेजन के मामले को विस्तार से सुनने का फैसला किया। इस बीच, हालांकि, फ्यूचर ग्रुप ने भारत में अदालतों का रुख किया । दिसंबर 2021 में आए CCI का आदेश फ्यूचर ग्रुप के लिए SIAC के समक्ष मध्यस्थता की कार्यवाही को समाप्त करने का आधार बन गया । अमेजन के पास अब इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का कानूनी उपाय है।
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